रैयती जमीन घोषित होने की पेंच में फंसा बरियारपुर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण 35.61 डिसमिल जमीन अधिग्रहण के चक्कर में लटका मामलाफोटो संख्या : 16 फोटो कैप्सन : बरियारपुर रेलवे ओवरब्रिज प्रतिनिधि, मुंगेर बरियारपुर रेलवे ओवर ब्रिज का मामला एक बार फिर अधर में लटक सकता है, क्योंकि सरकार गैर मजरूआ आम जमीन बता कर उस पर बसे लोगों से बिना मुआवजा दिये ही जमीन अधिग्रहण करना चाह रही थी. लेकिन हाई कोर्ट के निर्देश के बाद बिना मुआवजे के अधिग्रहण की कार्रवाई रोक दी गयी. इसके लिए मुआवजे की राशि भी जिला प्रशासन को उपलब्ध करा दिया गया. लेकिन गैर मजरूआ आम जमीन के मालिकों को तब तक नियमानुसार मुआवजा राशि नहीं दी जा सकती जब तक उस भूमि को राजस्व विभाग रैयती भूमि घोषित नहीं कर देता है. अब रैयती जमीन घोषित होने तक यह मामला एक बार फिर फंस गया है. वर्ष 2006 में हुआ था कार्यारंभ बरियारपुर रेलवे स्टेशन क्रॉसिंग पर लगातार यातायात व्यवस्था प्रभावित रहने के कारण यहां रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया था. जिसके तहत 18 करोड़ की लागत से बनने वाले इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2006 में प्रारंभ हुआ. लेकिन समय पर भूमि अधिग्रहण नहीं किये जाने से मामला अधर में लटक गया. 35.61 डिसमिल जमीन में फंसा पेच रेलवे ओवर ब्रिज के लिए जिला प्रशासन द्वारा 35.61 डिसमिल जमीन अधिग्रहण किया जाना था. लेकिन गैर मजरूआ आम जमीन बता कर जिला प्रशासन ने मुआवजा देने से मना कर दिया. कोर्ट ने क्या दिया आदेश जिला प्रशासन के रवैये से खिन्न प्रभावित परिवारों ने उच्च न्यायालय का शरण लिया. बताया जाता है कि उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया था कि गैर मजरूआ आम जमीन पर रहने वाले लोग लंबे समय से बसे हुए हैं. इसलिए उचित मुआवजा देकर ही उसका अधिग्रहण किया जाय. बढ़ती जा रही निर्माण की राशि भूमि अधिग्रहण में आये पेंच के कारण निर्माण कार्य अधर में लटक गया. कंपनी भी भाग गयी. वर्ष 2006 में जब ओवर ब्रिज निर्माण कार्य प्रारंभ हुआ था तो उस समय 18 करोड़ की यह योजना थी. लेकिन 8 वर्ष बीतने के बाद इसके निर्माण कार्य की राशि दुगुना से अधिक हो गयी है. क्योंकि मेटेरियल कॉस्ट बढ़ गया है. वर्ष 2015 में पुल निर्माण कार्य पुन: प्रारंभ हुआ. लेकिन भूमि अधिग्रहण के नये पेच में पुन: निर्माण कार्य ठप हो सकता है. कहां फंसेगा पेच बताया जाता है कि 69 परिवार को विस्थापन होने पर मुआवजा देने के लिए 8 करोड़ 51 लाख रुपये जिला प्रशासन को मुहैया करा दी गयी है. लेकिन इन परिवारों को मुआवजा देने में एक पेच फंस गया. क्योंकि भूमि अधिग्रहण जब रैयती जमीन की होगी. तभी उसे मुआवजा राशि दी जायेगी. लेकिन जिन लोगों को मुआवजा दिया जाना है वे लोग गैर मजरूआ आम जमीन पर घर बना कर रहे है. भू-अर्जन विभाग ने दो माह पूर्व ही राजस्व विभाग को 35.61 डिसमिल जमीन को रैयती घोषित करने के लिए पत्र भेज दिया है. लेकिन आज तक उक्त जमीन को रैयती घोषित नहीं किया गया. जिसके कारण उन 69 परिवारों को मुआवजा नहीं दिया जा सका है और भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई अधर में लटका हुआ है. अधूरे पड़े ब्रिज से ठप हुआ विकास रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. जिससे खड़गपुर-बरियापुर मार्ग पूरी तरह अवरुद्ध हो गया. मार्ग अवरुद्ध रहने से इस क्षेत्र के विकास के साथ ही मुंगेर मुख्यालय का विकास भी प्रभावित है. बड़े वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप है. अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो रही है.
रैयती जमीन घोषित होने की पेंच में फंसा बरियारपुर रेलवे ओवरब्रिज नर्मिाण
रैयती जमीन घोषित होने की पेंच में फंसा बरियारपुर रेलवे ओवरब्रिज निर्माण 35.61 डिसमिल जमीन अधिग्रहण के चक्कर में लटका मामलाफोटो संख्या : 16 फोटो कैप्सन : बरियारपुर रेलवे ओवरब्रिज प्रतिनिधि, मुंगेर बरियारपुर रेलवे ओवर ब्रिज का मामला एक बार फिर अधर में लटक सकता है, क्योंकि सरकार गैर मजरूआ आम जमीन बता कर उस […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement