नहीं उग रहे गेहूं के पौधे, किसानों में हाहाकार जमालपुर के बाजार से खरीदी थी बीज, कृषि पदाधिकारियों को नहीं है जानकारी फोटो संख्या : 8,9फोटो कैप्सन : खेत की बदहाली व गेहूं के बीज का बोरा दिखाते किसान प्रतिनिधि : मुंगेर कभी खेत में लहलहाती फसलों को देख कर किसान खुश होते थे. लेकिन मौजूदा व्यवस्था ने आत्मनिर्भर किसान को परालंबी बना कर रख दिया है. वे बीज, खाद से लेकर पटवन तक दूसरे पर निर्भर हो गये हैं. पूरे तंत्र की दगाबाजी ने यह स्थिति पैदा कर दी कि किसान खेत को देख कर अपनी छाती पीट रहे हैं. जमालपुर शहर से सटे रामपुर गांव के किसानों ने सौ एकड़ से अधिक भूमि में गेहूं की बुआई की थी. लेकिन एक तो खेत में महज दस प्रतिशत ही पौधे जन्मे, दूसरा जो पौधे जन्मे हैं वह 3-4 इंच की लंबाई पर ही धराशायी हो रही है. फलत: किसानों में त्राहिमाम मच गया है. बाजार से खरीदे थे बीज बीज की दगाबाजी कहे या फिर और कोई कारण. लेकिन इस क्षेत्र के लगभग 200 बीघा में लगी फसल का कोई असर ही नहीं दिख रहा है. किसान अपनी छाती पीट रहे हैं. किसानों ने जमालपुर बाजार से उत्तम क्रांति एवं पेन पीबीडब्लू 154 बीज खरीद कर अपने खेतों में बुआई की थी. लेकिन यह बीज पौधा का रूप धारण ही नहीं कर पा रहा. पहले अक्सर किसान अपना बीज खुद तैयार करते थे और उसे अगली बुआई के लिए सुरक्षित रखते थे. जिसका नतीजा यह होता था कि काम के लायक फसल उन्हें उपलब्ध हो जाती थी. आज बाजार का प्रवेश है, प्रचार का चकाचौंध है. खेती के क्षेत्र में भी यही हो रही है. यहां के किसानों ने जमालपुर के बाजार से बीज खरीदा. किसानों के मुताबिक 3/43 आर के सुपर बीज था. जो महंगा भी है. लेकिन इस बीज से किसान ठगे से गये हैं. जमालपुर बाजार से खरीदे थे बीज इन किसानों से जब बीज के संबंध में पूछा गया तो किसानों ने कहा कि यह बीज उन्होंने जमालपुर के बालाजी स्टोर से खरीदी थी. आलम यह है कि जिस दुकान से किसानों ने बीज खरीदे उस दुकानदार ने रसीद तक किसानों को नहीं दिया. बीज के संदर्भ में पूछे जाने पर किसान सिर्फ बीज का खाली बोरा दिखाते हैं. नहीं हैं यहां कृषि अनुसंधान का पहुंच मुंगेर में कृषि के विकास के मद्देनजर यहां काफी पहले कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गयी. इसके अलावे बिहार सरकार को कृषि विभाग कार्यरत है. हर क्षेत्र में किसान सलाहकार है. लेकिन यहां कोई कभी नहीं पहुंचा.बातें तो कृषि के क्षेत्र में अनुसंधान से लेकर प्रतिरक्षण तक की होती है. लेकिन सरजमीं पर यह दिखता नहीं. किसान पलटू कुमार, कक्कू कुमार ने बताया कि यहां आजतक कृषि विभाग के आदमी नहीं आये है. दुबारा बुआई करने की हो रही तैयारी बीज की दगाबाजी को झेलते किसान अब फिर से उन खेतों की बुआई करने को विवश हो रहे है. किसान ब्रजेश सिंह, निरंजन सिंह ने बताया कि अब एक ही रास्ता बचा हुआ है. खेत का पटवन और जुताई कर फिर से बुआई करे. —————————दुकानदार ने लिया ठग फोटो नाम के साथ किसान ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि जमालपुर के बालाजी स्टोर से बीज खरीदा था. दुकानदार सुनील ने रसीद भी नहीं दिया. अब जबकि गेहूं बोने के 21 दिन बाद भी उससे पौधा नहीं निकला तो हमलोग परेशान हो गये. दुकानदार से कहा तो उसने कहा कि इसमें हम क्या कर सकते हैं. ———————-जो पौधे आये वह भी कट कर गिर रहे फोटो नाम के साथ किसान बाल्मिकी सिंह ने कहा कि खेत में बीज तो बोया लेकिन 70 प्रतिशत बीज से पौधा ही नहीं निकला. जबकि 30 प्रतिशत जो पौधा निकला वह खेतों में गिर रहा है. उसने बताया कि कीट काट कर पौधे गिरा रहे है अथवा बीज के प्रभाव के कारण गिर रहा है हमलोग यह नहीं जानते है. ———————–फसल देख रोना आता फोटो नाम के साथ किसान डबलू कुमार ने बताया कि खेत में फसल की स्थिति को देख कर रोना आता है. आखिर अब हमलोग क्या करे. कहां से दुबारा खेती के लिए पैसा लायेंगे. खेती नहीं करेंगे तो हमलोग करेंगे क्या. प्रशासनिक अधिकारियों को इस मुद्दे पर जांच कर किसानों को मुआवजा दिया जाय. ——————–दुबारा खेत जोतने की है मजबूरी फोटो नाम के साथ किसान रंजन कुमार ने बताया कि बीज की दगाबाजी के कारण किसानों को दुबारा खेतों में पानी डाल कर जोत करनी पड़ रही है. ताकि दुबारा बीज डाला जाय. उसने बताया कि समय भी निकला जा रहा है. समुचित सिंचाई की व्यवस्था नहीं है. खर्च भी अधिक हो रहा है. ————————कर्ज लेकर दुबारा डल रहे बीज फोटो नाम के साथ किसान माटो सिंह ने कहा कि उसने कर्ज लेकर 5 बीघा जमीन में बीज डाला था जो नहीं आया. जो आया भी वह भी गिर रहा है. उसने कहा कि हमलोगों को कृषि ही मुख्य धंधा है. पुन: किसी महाजन से सूद पर पैसा देकर दुबारा खेत जोत कर बीज डालेंगे. ताकि परिवार का भरन पोषण हो सके. ———————बॉक्स ——-बोरा दिखाते ही किसान के आंख से गिरा आंसू फोटो संख्या : फोटो कैप्सन : मुंगेर : खेत की स्थिति देख किसानों के नहीं थमते आंसू. इन आंसूओं में छिपा है. उनकी पूंजी, श्रम और भविष्य. तमाम चीजों पर जब पानी फिर जाय तो निराशा स्वाभाविक है. बीज के सवाल पर किसान निरंजन सिंह कुछ पूछने पर तुरंत वह बोरा लेकर खड़े होते है. जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने खेतों में किया. इनमें एक के बोरे पर लिखा है. उत्तम क्रांति गेहूं के बीज. यह बीज चंबल फर्टिलाइजर केमिकल लि. कोटा राजस्थान द्वारा तैयार किया गया. जबकि दूसरे बोरे पर लिखा है. पीएएनएन-पीबी डब्लू -154 लिखा हुआ है. उन्होंने बाला जी फर्टिलाइजर जमालपुर से यह बीज खरीदा है. ————————–बॉक्स ——-खेतों का करेंगे निरीक्षण मुंगेर : जिला कृषि पदाधिकारी केके वर्मा ने बताया कि अब तक उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी है. किसी किसान ने ऐसी कोई शिकायत नहीं किया है. लेकिन वे इस मामले की जांच करेंगे. ———————बॉक्स ———बीज भी हो सकते हैं दोषपूर्ण मुंगेर : कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ जीआर शर्मा ने बताया कि बीज डालने के बाद अगर पौधा नहीं निकलता है तो उसके पीछे कई कारण हो सकते है. पहला कि खेत में नमी का अभाव, दूसरा बीज का दोषपूर्ण होना. जो बीज लायक था उसी में पौधा आया. बाकी में नहीं आ पाया होगा. उन्होंने बताया कि पौधा गिरने का कई कारण है. कीट भी पौधा को काट कर गिरा रहा होगा
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नहीं उग रहे गेहूं के पौधे, किसानों में हाहाकार
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