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मुंगेर में हजारों चापाकलों के सूखे हैं हलक, कैसे बुझेगी प्यास

मुंगेर : जिले में विभिन्न योजनाओं से हजारों चापाकल मुंगेर में लगाया गया है. लेकिन रखरखाव के अभाव में चापाकल लगातार खराब होता चला गया. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की मानें तो विभिन्न मदों से जिले में 15 हजार के लगभग चापाकल लगे हुए हैं. जिसमें 5 हजार से अधिक चापाकल खराब पड़े हुए हैं. […]

मुंगेर : जिले में विभिन्न योजनाओं से हजारों चापाकल मुंगेर में लगाया गया है. लेकिन रखरखाव के अभाव में चापाकल लगातार खराब होता चला गया. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की मानें तो विभिन्न मदों से जिले में 15 हजार के लगभग चापाकल लगे हुए हैं. जिसमें 5 हजार से अधिक चापाकल खराब पड़े हुए हैं.

मुंगेर शहर के तोपखाना बाजार में एक ही स्थान पर जहां दो चापाकल खराब है. वहीं नीलम रोड, गांधी चौक, मोगल बाजार, पूरबसराय, बेकापुर, पसरट्टा पट्टी, माधोपुर सहित कई स्थानों पर चापाकल खराब है और उसकी मरम्मति नहीं करायी जा रही. हाल यह है कि दो-तीन वर्ष पूर्व भी जहां जीपीटी चापाकल लगाये गये थे वह भी बंद पड़ा हुआ है.
जबकि विभाग का कहना है कि खराब पड़े चापाकल ऐसे हैं जिसने अपना आयु पूरा कर लिया है. अब उसकी रिपयेरिंग भी नहीं हो सकती है. चापाकल खराब होने के दो कारण हैं. सबसे बड़ा कारण है ठेकेदारी प्रथा. क्योंकि विभागीय मॉनीटरिंग नहीं होने के कारण ठेकेदार द्वारा निर्धारित गहराई नहीं दी जाती है और पाइप लगा कर छोड़ दिया जाता है.
जिसके कारण एक सीजन भी चापाकल नहीं चलता है. दूसरा कारण है घटिया सामग्री. विभाग जो सामग्री देता है उसे कालाबाजारी में बेच दिया जाता है और दुकान से संवेदक घटिया सामग्री की खरीद करते हैं. कई संवेदक तो चापाकल के लिए थौक भाव में एजेंसी से ही घटिया सामग्री मंगवा लेते है. जिसके कारण नया-नया चापाकल भी आज बेकार पड़ा हुआ है.

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