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देवता बने दबंग, बीमार को किया इमरजेंसी वार्ड से बाहर

मुंगेर : एक ओर जहां चिकित्सक को लोग धरती का भगवान मानते हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं, जो मरीजों का इलाज करने के बदले अपनी लापरवाही व दबंगई से मरीजों को परेशान करते हैं. ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में देखने को मिला. जब धरती […]

मुंगेर : एक ओर जहां चिकित्सक को लोग धरती का भगवान मानते हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ चिकित्सक ऐसे भी हैं, जो मरीजों का इलाज करने के बदले अपनी लापरवाही व दबंगई से मरीजों को परेशान करते हैं. ऐसा ही एक मामला मंगलवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में देखने को मिला. जब धरती के ये देवता ही दबंगई पर उतर गये.

ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक ने मानसिक रूप से बीमार एक दमा पीड़ित मरीज को वार्ड में भर्ती करने से न सिर्फ मना कर दिया. बल्कि अस्पताल के सुरक्षा गार्डों को बुलाकर उसे वार्ड से बाहर करवा दिया. चिकित्सक के इस रूप ने मानवता को शर्मसार कर दिया.
शहर के शंकरपुर निवासी 48 वर्षीय बबलू झा का इलाज कराने उसके भाई अजय झा मंगलवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे. अजय ने अपने भाई बबलू को इमरजेंसी वार्ड में खाली पड़े एक बेड पर लिटा दिया और चिकित्सक से उसका इलाज करने का आग्रह करने लगा. अजय ने बताया कि बबलू मानसिक रूप से बीमार है तथा उसे दमा की भी शिकायत है. उसे लेकर वह सोमवार को भी अस्पताल लाया था.
किंतु स्थिति में सुधार नहीं होने के कारण उसे फिर से यहां इलाज के लिए लाना पड़ा. इतना सुनते ही ड्यूटी पर तैनात डॉ रामप्रवेश प्रसाद भड़क उठे और उन्होंने अजय का फटकार लगाते हुए कहा कि जल्दी से इसे यहां से ले जाओ. जिस पर अजय अड़ गया और वह बिना इलाज कराये वहां से अपने भाई को ले जाने से इंकार करने लगा. जिस पर चिकित्सक ने वार्ड से बाहर निकलने को कह दिया और बाहर ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्ड को इमरजेंसी वार्ड में बुला लिया.
चिकित्सक के निर्देश पर सुरक्षा गार्डों ने अजय को उसके बीमार भाई के साथ उसे इमरजेंसी वार्ड से बाहर कर दिया. तभी कुछ पत्रकार मौके पर पहुंचे और चिकित्सक से मरीज का इलाज करने का आग्रह किया तो चिकित्सक ने बबलू को एक इंजेक्शन दिलवाकर उसे छुट्टी कर दी. जबकि बबलू खुद से चलने की स्थिति में भी नहीं था.
मालूम हो कि डॉ रामप्रवेश प्रसाद अपने लापरवाही व दबंगई को लेकर पहले भी सुर्खियों में रह चुके हैं. ये वही चिकित्सक हैं जो कि ड्यूटी को लेकर हुए विवाद में अस्पताल उपाधीक्षक से मारपीट करने को उतारू हो गये थे. इतना ही नहीं पिछले 14 जून को इलाज के लिए अज्ञात स्थिति में पहुंचे घायल मोनू को लेकर डॉ रामप्रवेश प्रसाद ने ओडी स्लिप नहीं काटा था, इसे लेकर फिलहाल जांच की प्रक्रिया चल रही है.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुधीर कुमार ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. यदि शिकायत मिलती है, तो मामले की जांच करायी जायेगी.

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