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जिप की बैठक में छाया रहा पेयजल शिक्षा, स्वास्थ्य व सिंचाई का मुद्दा

मुंगेर : जिला परिषद के सभागार में मंगलवार को जिला परिषद की सामान्य बैठक आयोजित की गयी. उसकी अध्यक्षता जिप अध्यक्ष रामचरित्र मंडल ने की. जबकि संचालन डीडीसी प्रशांत कुमार सीएच ने किया. बैठक में एक ओर जहां विद्यालयों में किचन शेड व पेयजल संकट के मुद्दे उठे. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में […]

मुंगेर : जिला परिषद के सभागार में मंगलवार को जिला परिषद की सामान्य बैठक आयोजित की गयी. उसकी अध्यक्षता जिप अध्यक्ष रामचरित्र मंडल ने की. जबकि संचालन डीडीसी प्रशांत कुमार सीएच ने किया. बैठक में एक ओर जहां विद्यालयों में किचन शेड व पेयजल संकट के मुद्दे उठे. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के अभाव के कारण हो रही परेशानी पर भी सदस्यों ने आवाज बुलंद की. मौके पर विभिन्न विभागों की भी समीक्षा की गयी. बैठक में जिप उपाध्यक्ष दुर्गेश कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

संग्रामपुर जिला परिषद सदस्य ब्यूटी विश्वास ने संग्रामपुर के मध्य विद्यालय का मामला उठाते हुए कहा कि वहां पानी और शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है. जिसके कारण छात्राओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि विद्यालय में किचन भी नहीं है. जिस पर जिला शिक्षा पदाधिकारी दिनेश कुमार चौधरी ने बताया कि किचन शेड व पेयजल के लिए प्रत्येक मध्य विद्यालय को 75 हजार तथा प्राथमिक विद्यालय को 50 हजार रुपये उपलब्ध कराया गया है.
वहीं आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रेखा कुमारी ने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि उनके क्षेत्र के वैसे लोग जिनके परिवार के कमाऊ सदस्य की किसी कारणवश मौत हो चुकी है अथवा किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है. वैसे परिवार के बच्चों को 3 साल तक प्रतिमाह दो-दो हजार रुपये की राशि दी जायेगी. जिसके लिए परिवार की महिला सदस्य को विधवा प्रमाण पत्र या परित्यक्ता का प्रमाण पत्र देना होगा.
वहीं परवरिश योजना के तहत अनाथ बच्चे, जिनके माता-पिता का देहांत हो गया है या माता-पिता में से किसी को कुष्ठ रोग है. वैसे परिवार के बच्चे को 18 वर्ष तक की उम्र तक एक-एक हजार रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा. जिसके लिए सभी अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को इस योजना के बारे में बताये. जिप सदस्य रीना देवी ने कहा कि धरहरा प्रखंड के अमरपुर में केवल एक मात्र एएनएम कार्यरत है. जिससे लोगों को सही से स्वास्थ सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. जिसपर सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने सहमति जाहिर की.
जबकि टेटियाबंबर के जिप सदस्य विनोद कुमार ने कहा कि टेटियाबंबर पीएचसी से एक डॉक्टर को सदर अस्पताल तथा एक डॉक्टर को संग्रामपुर स्थानांतरित कर दिया गया है. इसके कारण वहां डॉक्टरों की कमी हो गई है. सिविल सर्जन ने कहा जिले में डॉक्टरों की कमी पहले से है. सभी जगहों पर डॉक्टरों की कमी को पूरा करने के लिये 50 डॉक्टर की आवश्यकता है. जिसके लिये विभाग को सूचना दी गई है. बैठक में आयुष्मान भारत योजना पर सिविल सर्जन एवं डीपीएम ने विस्तारपूर्वक लोगों को जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना से लाभुक निजी संस्थान में भी अपना इलाज करा सकते हैं.

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