उदासीनता. मास्टरमाइंड को बचाने में जुटे डाक विभाग के वरीय अधिकारी
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डाकर्मियों के यूजर आइडी का सन्नी करता था बेजा इस्तेमाल
उदासीनता. मास्टरमाइंड को बचाने में जुटे डाक विभाग के वरीय अधिकारी डाकघर में हुए लाखों के गबन की जांच धीमी रफ्तार से चल रही है. जांच की सत्यता बरकरार रखने के लिए अब तक पांच डाककर्मियों को निलंबित किया गया है, लेकिन विभागीय स्तर पर इतने बड़े घोटाले की अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी […]
डाकघर में हुए लाखों के गबन की जांच धीमी रफ्तार से चल रही है. जांच की सत्यता बरकरार रखने के लिए अब तक पांच डाककर्मियों को निलंबित किया गया है, लेकिन विभागीय स्तर पर इतने बड़े घोटाले की अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है.
मुंगेर : महिला डाकघर सहित विभिन्न शाखा डाकघर में हुए लाखों के गबन की जांच धीमी रफ्तार से चल रही है. जांच की सत्यता बरकरार रखने के लिए अब तक पांच डाककर्मियों को निलंबित किया गया है, लेकिन विभागीय स्तर पर इतने बड़े घोटाले की अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है. हद तो यह है कि इतने बड़े घोटाले के मास्टरमाइंड सन्नी कुमार के बारे में आज तक डाक विभाग आधिकारिक रूप से अनभिज्ञता जाहिर कर रहा है.
वहीं अधिकांश शाखा उप डाकघरों के डाककर्मियों के यूजर आइडी का उपयोग सन्नी कुमार ही करता रहा है.
दर्ज नहीं हो रही प्राथमिकी : जांच के एक माह पूरे हो गये. बावजूद अबतक एक भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई. विभागीय सूत्रों की मानें तो गबन के मामले में अब तक प्राथमिकी दर्ज हो जानी चाहिए थी. उसके बाद ही मामले का खुलासा हो सका है. इसमें सिर्फ शाखा उप डाकघरों के कर्मी ही नहीं बल्कि सन्नी कुमार भी दोषी है. जब प्राथमिकी दर्ज होगी तो अनुसंधान प्रारंभ होगा और मामले में शामिल लोगों की पहचान हो सकेगी.
जांच में हो रहे विलंब के कारण कई तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे है.
कोई कह रहा है कि डाक विभाग के वरीय अधिकारी कहीं सन्नी को बचाने की तैयारी तो नहीं कर रहा है. डाक अधीक्षक से जब सन्नी के बारे में पूछा गया तो वे साफ कहते हैं कि सन्नी कुमार को वे नहीं जानते. जबकि अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ ग्रुप सी के सचिव माधव प्रसाद सिंह ने साफ कहा कि गबन का मुख्य मास्टरमाइंड सन्नी कुमार है.
जब तक उस पर कार्रवाई नहीं होती है तब तक गबन के मामले का खुलासा नहीं हो सकता है. डाक अधीक्षक एवं सचिव के बयान में विरोधाभास है. इधर डाककर्मियों ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि जांच में अब तक पांच डाककर्मियों को निलंबित किया जा चुका है. जबकि इस गबन में उन डाककर्मियों का कोई दोष नहीं है. मास्टरमाइंड तो सन्नी है. पहले उस पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन वरीय अधिकारी उसे बचाने के फिराक में है. अगर उच्चस्तरीय जांच करायी जाती है और सन्नी कुमार को पकड़ा जाता है तो गबन का राज खुल जायेगा.
डाक विभाग का चहेता रहा है सन्नी
बासुदेवपुर निवासी सन्नी कुमार वर्षों से डाक विभाग का चहेता रहा है. इस वजह से शाखा उप डाकघरों में उसकी खूब पूछ थी. अधिकांश शाखा उप डाकघरों के डाककर्मियों का यूजर आइडी का वही इस्तेमाल करता था. डाककर्मियों पर भी उसका खूब रौब था. दरअसल वह बड़े साहब का चहेता था. उसी यूजर आइडी के माध्यम से वह घोटाले को अंजाम देता रहा. सन्नी डाककर्मियों के यूजर आइडी के माध्यम से डाक घर के राजस्व को फर्जी खातों में ट्रांसफर करता था. इतना ही नहीं उपभोक्ताओं के कैश रकम को भी डकार लिया. फर्जी एटीएम बनाकर भी उसने राशि की निकासी की है.
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