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छिटपुट बारिश ने बढ़ायी किसानों की चिंता

सावन माह में कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश नहीं होने से धान पौधे पर संकट मंडराने लगा है.

मोतिहारी.सावन माह में कम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. बारिश नहीं होने से धान पौधे पर संकट मंडराने लगा है. वही खेत सूखे होने के कारण खरपतवार की अधिक उपज गये है. बारिश की कमी और अधिक खरपतवार से धान पौधा का समुचित विकास खासा प्रभावित हुआ है. कृषि वैज्ञानिकों की भी राय है कि सावन माह धान खेती के लिए महत्वपूर्ण होता है. यह महिना धान की रोपनी व पौधे में टिलरिंग के लिए उपयुक्त होता है. ऐसे में खेतों में पानी की कमी से धान उत्पादन पर संकट मंडराने लगा है. मॉनसून की बेरूखी के कारण पूरे जिले में पानी के लिए हाहाकार मचा है. पिछले पूरे सावन माह में सामान्य औसत से कम बारिश होने से खेतों में दरार पड़ गयी है. रोपनी के बाद धान के पौधा व बिचड़ा सूखने लगे है. अब तो सावन माह की समाप्ति पर किसानों को भादो माह से उम्मीद बंधी है. कृषि विशेषज्ञों की माने तो अगर सावन जैसी स्थिति चालू माह में रही तो धान के उत्पादन में काफी कम होगा. वही किसानों के लिए इससाल धान की खेती आर्थिक नुकसानदायी हो सकता है.

अगस्त माह में 51.88 एमएम कम हुई बारिश

इस वर्ष पूरे जिला में एक लाख 84 हजार हेक्टेयर भूमि में धनरोपनी का लक्ष्य है. सावन मास का अंतिम सप्ताह शुरू हो गया है. जबकि इस पुरे माह में खेती के लिए सिंचाई नही हुयी. कृषि विभाग के आकड़ों के अनुसार अगस्त माह में 51.88 एमएम कम बारिश दर्ज की गयी है. जबकि अगस्त माह का सामान्य वर्षापात करीब 308 एमएम है. वही पिछले माह जुलाई में सामान्य औसत 366 के विरुद्ध 18.15 एमएम कम बारिश दर्ज की गयी. ऐसे में कम बारिश से धान सहित अन्य फसल पर संकट का बादल मंडराने लगा है.

तीन हजार आवेदन राज्य को फॉरवार्ड

मौसम की मार से सूख रहे फसल की सिंचाई कर बचाने को ले डीजल अनुदान राशि भुगतान तेज कर दिया गया है. पूर्वी चंपारण में डीजल अनुदान के लिए करीब 12 हजार किसानों ने आवेदन किया है. जिला कृषि कार्यालय ने जांच के बाद तीन हजार किसानों के आवेदन को पटना फॉरवार्ड कर दिया है. इसके आलोक में डीजल अनुदान की राशि क्रमवार भुगतान की प्रक्रिया चल रही है. डीएओ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि कृषि विभाग के पोर्टल पर किसान डीजल अनुदान के लिए आवेदन कर सकते है. मुख्य फसल की तीन सिंचाई के लिए अधिकतम प्रति सिंचाई 750 रुपये प्रति एकड़ की दर से 2250 रूपये अनुदान राशि देय है. एक किसान को धान का बिचड़ा बचाने धान, मक्का, अन्य खरीफ फसलों के अन्तर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगंधित पौधे की एक ही खेत के लिए अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 2250 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान देय होगा. एक किसान को अधिकतम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान मिलेगा.

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