रक्सौल . भारत-नेपाल की सीमा पर आयात-निर्यात को सुगमता देने वाले कस्टम क्लियरिंग एजेंट की दो दिनों की हड़ताल के बाद से अब तक सीमा पर वाहनों की आवाजाही सुचारू तरीके से नहीं हो पा रही है. इसके कारण रक्सौल के बाइपास रोड में इन दिनों वाहनों की लंबी कतार लग रही है. आईसीपी से लेकर लक्ष्मीपुर के आसपास के इलाके तक सैकड़ों की संख्या में माल लदे ट्रक सड़क के किनारे खड़े है, जिसके कारण जाम की स्थिति बन गई है. इन सब के बीच सबसे अधिक परेशानी ओवरब्रिज पर लगने वाले जाम के कारण से है. किसी भी सड़क के ऊपर ओवरब्रिज का स्ट्रक्चर ऐसा होता है, जिसपर गाड़ी निवार्ध रूप से आ जा सके, लेकिन रक्सौल में ओवरब्रिज के ऊपर ही गाड़ियों का लंबा जाम लग रहा है. यह स्थिति पिछले दो दिनों से देखी जा रही है. जानकारों की माने तो ओवरब्रिज पर लंबे समय तक एक ही स्थान पर गाड़ी खड़ी होने के कारण इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. ओवरब्रिज (फ्लाईओवर / पुल) के ऊपर बार-बार या लंबे समय तक जाम लगने से उसकी लाइफ पर असर पड़ता है, लेकिन यह असर धीरे-धीरे होता है, अचानक नहीं. जाम में गाड़ियां लंबे समय तक खड़ी रहती हैं. ट्रक, बस जैसे भारी वाहन एक ही जगह पर ज्यादा देर लोड डालते हैं. इससे पुल के गर्डर, स्लैब और पिलर पर लगातार दबाव पड़ता है. डिजाइन में तो लोड माना जाता है, लेकिन लंबे समय तक स्थिर लोड से थकान बढ़ती है. इसके अलावे, बार-बार ब्रेक – एक्सीलेटर से वाइब्रेशन के कारण सूक्ष्म कंपन पैदा होती है. इसके कारण ओवरब्रिज में समय के साथ कंक्रीट में महीन दरारें आ सकती हैं. इसके साथ ही, जाम में वाहन ज्यादा समय तक चलते रहते हैं. धुआं, गर्मी और तेल-ग्रीस नीचे टपकता है, इससे पुल के स्टील रॉड में जंग की संभावना बढ़ती है और ड्रेनेज खराब हो तो पानी रुककर नुकसान करता है. ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन को इस बात को लेकर पहल करनी चाहिए कि ओवरब्रिज के ऊपर जाम नहीं लगे.
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