Motihari: रक्सौल. शनिवार की सुबह सात बजे श्री श्री 108 स्वामी सत्यानंद जी महाराज के रक्सौल पहुंचने पर स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी और लोगों के द्वारा जगह-जगह जयकारों, पुष्पवर्षा व भक्ति गीतों के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया. स्वामी सत्यानंद जी महाराज की नेपाल के सत्संग यात्रा को लेकर मोतिहारी से रक्सौल पहुंचे थे. इस दौरान रक्सौल पहुंचते ही भक्तिमय वातावरण हो गया व एक दिव्य उत्सव का गवाह बनी. जैसे ही उनका वाहन रक्सौल की सीमा में दाखिल हुआ, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दर्शन और आशीर्वाद के लिए उमड़ पड़ी. इसके बाद महाराज जी नेपाल की पांच दिवसीय सत्संग यात्रा पर बीरगंज के लिए रवाना हुए, जहां पहले से ही हजारों श्रद्धालु उनके स्वागत में प्रतिक्षा कर रहे थे. नेपाल पहुंचते ही जय गुरुदेव और सत्यानंद महाराज की जय के नारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा. इस दौरान रक्सौल में उपस्थित भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य जीवन सेवा, साधना और राष्ट्रनिर्माण के लिए मिला है, इसे केवल भौतिक सुखों में न गवाएं. उन्होंने युवाओं से आत्मबोध, साधना और सेवा को जीवन का लक्ष्य बनाने का आह्वान किया. उनके साथ यात्रा कर रहे संपूर्णानंद महाराज ने बताया कि स्वामी जी देश के कोने-कोने में भ्रमण कर लाखों लोगों को आध्यात्मिक जागरण की प्रेरणा दे रहे हैं. इस यात्रा के अंतर्गत नेपाल के विभिन्न स्थानों पर सत्संग, ध्यान सत्र और प्रवचन होंगे. वहीं केसीटीसी महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रो. डॉ. चन्द्रमा सिंह ने स्वामी जी को युगपुरुष बताते हुए कहा कि उनका जीवन समाज सेवा और आत्मकल्याण को समर्पित है. उनका सत्संग जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाता है. स्वामी जी की रक्सौल यात्रा के सफल आयोजन को लेकर स्थानीय प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने सुरक्षा, ट्रैफिक, चिकित्सा और जलपान की सुदृढ़ व्यवस्था की थी.
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