रक्सौल.शहर के लोगों का 21 साल का इंतजार गुरुवार को समाप्त हो गया है. बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग ने रक्सौल रेलवे गुमटी के दो फाटकों पर ओवरब्रिज निर्माण को लेकर सहमति प्रदान कर दी गयी है. जिसके साथ ही, यहां रक्सौल-आदापुर के बीच गुमटी संख्या 33 व रक्सौल-सिकटा के बीच गुमटी संख्या 34 पर ओवरब्रिज बनने का रास्ता साफ हो गया हैं. पथ निर्माण विभाग ने गुरुवार की शाम एक प्रेस विज्ञप्ति जारी है कि जिसमें रक्सौल के दोनों रेलवे गुमटी पर ओवरब्रिज के निर्माण के लिए रेलवे को एनओसी दे दी गयी है. दोनों ओवरब्रिज के निर्माण पर आने वाली पूरी राशि का व्यय रेलवे के द्वारा किया जाना है और इसका निर्माण कार्य भी रेलवे ही करायेगी. बीते 13 मार्च को पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह व नवीन गुलाटी, सदस्य आधारभूत संरचना, रेल मंत्रालय भारत सरकार के बीच हुई उच्च स्तरीय बैठक में इस बात की सहमति बनी है.
2004 में तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने किया था शिलान्यास
वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा शिलान्यास किये जाने के बाद से लगभग 21 साल तक इस प्रोजेक्ट पर कोई काम नहीं हुआ था. रक्सौल में ओवरब्रिज न होने से लोगों को जो परेशानी इतने सालों से हुई है, उसपर यह निर्णय मरहम का काम कर रहा है. पथ निर्माण विभाग और रेलवे के बीच आपसी सहमति कायम होने के साथ ही, अब लोगों को इस बात की उम्मीद हो गयी है कि इसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होगा. यहां बता दे कि प्रभात खबर के द्वारा लगातार रक्सौल में ओवरब्रिज की समस्या को लेकर खबरों का प्रकाशन किया जाता रहा है और समय-समय पर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को आइना दिखाते हुए ओवरब्रिज की मांग को लेकर मुहिम भी चलायी गयी है. जिसके प्रतिफल के स्वरूप 21 साल बाद ओवरब्रिज के निर्माण का रास्ता साफ होने से रक्सौल के नागरिकों में खुशी की लहर है. रक्सौल के साथ-साथ वीरगंज (नेपाल) व नेपाल के अलग-अलग इलाके से यहां आने वाले नेपाली नागरिकों की भी ओवरब्रिज को लेकर अक्सर शिकायतें रहती थी, जो कि इस निर्णय के बाद दूर होती दिखायी दे रही है.
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