Motihari: रक्सौल. शुक्रवार को इस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन क़े द्वारा रेलकर्मियों क़े विभिन्न समस्याओं क़ो लेकर आम -सभा का आयोजन किया गया. मुख्य कार्यक्रम स्थानीय रेलवे स्टेशन क़े नजदीक इस्ट सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन क़े जोनल जॉइंट सेक्रेटरी रत्नेश वर्मा क़े नेतृत्व मे रक्सौल शाखा क़े बैठक से आरम्भ हुआ. यूनियन क़े रक्सौल शाखा द्वारा आयोजित आम -सभा में बोलते हुए श्री वर्मा ने कहा की रेलवे के सभी विभागों में रेल मजदूरों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार किया जा रहा है. रेल कर्मचारियों पर निजीकरण , निगमीकरण को थोपा जा रहा है. सरकार क़े द्वारा पहले एनपीएस और अब यूपीएस थोपा गया है. उन्होंने केंद्र सरकार से मजदूरों के हित में नई श्रम नीति को वापस लेने की मांग की. ईसीआरइयू क़े मंडल मंत्री संजीव मिश्रा ने कहा कि सरकार को एनपीएस और यूपीएस दोनों को वापस लेना होगा. उनके द्वारा बताया गया की सेना के तर्ज पर रेलवे में भी रैंक के आधार पर पेंशन मिलना चाहिए. मण्डल अध्यक्ष मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए चार नए श्रम कानून का गठन किया गया है. देश के 29 श्रम कानून संहिताओं को बदलकर चार नए श्रम कानून बना दिए गए हैं. मंडल सहायक सचिव संतोष मिश्रा के कहा की सरकार पार्ट-पार्ट मे रेलवे को निजीकरण क़े तरफ धकेल रही हैं. 1924 से लागू रेल बजट को आनन फानन मे 2016 मे पूरी तरह से बंद कर दिया गया. वहीं जोनल संगठन मंत्री चंदन यादव ने कहा की केंद्र सरकार के द्वारा लाया गया एनपीएस और यूपीएस देश हित और कर्मचारी हित में नहीं है, इसलिए हमें ओपीएस से कम कुछ भी मंजूर नहीं है. इसके अलावे आम सभा में रेल कर्मियों की अन्य समस्याओं पर भी चर्चा की गयी. कार्यक्रम को सोहन यादव, बसंत झा, अनिल सिंह, शिव कुमार गुप्ता, आनंद सिंह आदि ने संबोधित किया. मौके पर प्रमोद कुमार, अंगद राम, संजीत कुमार, संजीव मिश्रा, मिथिलेश ठाकुर, ऋषिकेश कुमार, संतोष कुमार मिश्रा, जैकी कुमार, सत्यम कुमार, सुरेंद्र दास, अवनीत कुमार, सोनू कुमार, रंजन कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
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