Motihari: मोतिहारी. जिले के विभिन्न नदियों में मछली मारकर जीविकोपार्जन करने वाले मछुआरों के लिए प्रतिबंधित महीने जून से अगस्त तक, उनकी आर्थिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव को देखते हुए मत्स्य विभाग राहत सह बचाव योजना के तहत उन्हें सहायता राशि प्रदान कर रहा है. इसके लिए जिले में मछली मारने के कार्य में लगे मछुआरों से ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. विभाग ने इसके लिए 31 मई तक आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित की है. यह योजना नदियों में मत्स्य संपदा के संरक्षण एवं मछुआरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गयी है.
इस संबंध में जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ नूतन ने मंगलवार को बताया कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछली प्रजनन अवधि में मत्स्य शिकारमाही पर रोक लगाकर विभिन्न प्रजातियों के मछली को प्रजनन का प्राप्त अवसर देना तथा इस अवधि में पूर्णत: मछली पकड़ने पर निर्भर मछुआरों को आर्थिक राहत प्रदान करना है. इस पहल से नदियों में मत्स्य बीज का प्राकृतिक संचयन बढ़ेगा और उत्पादन एवं उत्पादक करता में भी सकारात्मक वृद्धि होगी. योजना के तहत प्रत्येक मछुआरे से 1500 का वार्षिक अंशदान प्राप्त किया है. अंशदान की राशि जिला मत्स्य कार्यालय में जमा करने के बाद राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा 15–15 सौ रुपए का अंशदान लाभुक मछुआरों को दिया जाएगा. इस प्रकार मछुआरों के लिए कुल 4500 रुपए सहायता राशि राहत के रूप प्रतिवर्ष प्रतिबंधित महीना जून से अगस्त तक उपलब्ध कराई जाएगी.सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य• जून से अगस्त तक के प्रतिषेधित महीनों में मछुआरों को आर्थिक सहायता मिलेगी.
• नदियों में मछलियों के प्राकृतिक प्रजनन में वृद्धि होगी.• पूर्णकालिक मछुआरों को जीविकोपार्जन में सहूलियत मिलेगी.
• बाढ़ जैसे संकट के समय में भी मछुआरों को राहत प्राप्त होगी.आवेदन के लिए पात्रता• आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
• आवेदक पूर्णकालिक मछली पकड़ने का कार्य करता हो.• वह मत्स्यजीवी सहयोग समिति,निबंधित फेडरेशन,वेलफेयर सोसायटी,समूह का सदस्य हो.
• जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा निर्गत निःशुल्क मत्स्य शिकारमाही प्रमाण-पत्र धारक हो.• आवेदक गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करता हो.
योजना का उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछली प्रजनन अवधि में मत्स्य शिकारमाही पर रोक लगाकर मछलियों को प्रजनन का पर्याप्त अवसर देना तथा इस अवधि में पूर्णतः मछली पकड़ने पर निर्भर मछुआरों को आर्थिक राहत प्रदान करना है. इस पहल से नदियों में मत्स्य बीज का प्राकृतिक संचयन बढ़ेगा और उत्पादन एवं उत्पादकता में भी सकारात्मक वृद्धि होगी.लाभुक ऐसे कर सकते हैं आवेदन
जिला मत्स्य पदाधिकारी डॉ नूतन ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता रखने वाले लाभुक विभाग के सरकारी वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए लाभुकों को स्व अभिप्रमाणित दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, त्रिस्तरीय पंचायत समिति सदस्य द्वारा अनुशंसा आय प्रमाण पत्र, वार्षिक अंशदान की सहमति पत्र, समिति या संघ की सदस्यता प्रमाण पत्र, मत्स्य शिकार माही प्रमाण पत्र आदि कागजात के साथ ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 31 में निर्धारित की गई है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है