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बिहार, झारखंड में 17,000 सिम रद्द, ग्राहकों ने ले रखे थे नौ से अधिक कनेक्शन

बिहार और झारखंड में नौ से अधिक कनेक्शन रखने वाले ग्राहकों के 21,800 सिम कार्ड में से अब तक कुल 17,000 को अप्रैल और मई में निष्क्रिय कर दिया गया है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 21,800 कनेक्शन में से लगभग 17,000 ऐसे मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है.

पटना. बिहार और झारखंड में नौ से अधिक कनेक्शन रखने वाले ग्राहकों के 21,800 सिम कार्ड में से अब तक कुल 17,000 को अप्रैल और मई में निष्क्रिय कर दिया गया है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 21,800 कनेक्शन में से लगभग 17,000 ऐसे मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर दिया है. डीओटी के मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार एक ग्राहक भारत में सभी दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से अधिकतम कुल नौ मोबाइल कनेक्शन प्राप्त कर सकता है. जम्मू-कश्मीर, असम और उत्तर पूर्वी राज्यों में ग्राहकों के लिए यह सीमा छह है.

करीब 17,000 नंबर के कनेक्शन काट दिये गये

विशेष महानिदेशक दूरसंचार, डीओटी (लाइसेंस सेवा क्षेत्र-एलएसए-बिहार) के कार्यालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अप्रैल और मई के महीने में टेलीकॉम सिम सब्सक्राइबर वेरिफिकेशन विश्लेषण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रिकॉग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन ने खुलासा किया कि बिहार और झारखंड में एक उपभोक्ता को अनुमति से अधिक नौ से ज्यादा कनेक्शन देकर कुल 21,800 मोबाइल कनेक्शन जारी किए गये.उन्होंने कहा कि ऐसे करीब 17,000 नंबर के कनेक्शन काट दिये गये हैं. इस तरह के नंबरों की पहचान करने के लिए और विश्लेषण किया जा रहा है.

लगभग सात करोड़ ग्राहकों का हुआ फेशियल विश्लेषण

झारखंड भी डीओटी के एलएसए (बिहार) के अधिकार क्षेत्र में आता है. डीओटी ने अप्रैल और मई के महीने में बिहार और झारखंड के लगभग सात करोड़ ग्राहकों का फेशियल विश्लेषण किया और पाया कि 21,800 मोबाइल कनेक्शन स्वीकृत सीमा से अधिक जारी किये गये थे. अधिकारी ने कहा कि डीओटी ने हाल में मोबाइल ग्राहकों को सशक्त बनाने, उनकी सुरक्षा को मजबूत करने और केंद्र सरकार की नागरिक केंद्रित पहलों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए एक डिजिटल पोर्टल ‘संचार साथी’ शुरू किया है. यह पोर्टल नागरिकों को उनके नाम पर जारी किये गये कुल मोबाइल नंबरों का पता लगाने और उनके खोए हुए फोन का पता लगाने/ब्लॉक करने की सुविधा प्रदान करता है. यह उन्हें उन मोबाइल कनेक्शन की रिपोर्ट करने में भी सुविधा प्रदान करता है, जिनकी या तो आवश्यकता नहीं है या उपभोक्ता द्वारा नहीं लिया गया है.

2.30 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों को किया गया निष्क्रिय

उन्होंने कहा कि डीओटी पहले ही अप्रैल और मई के महीने में बिहार और झारखंड में 2.30 लाख से अधिक मोबाइल नंबरों को निष्क्रिय कर चुका है, क्योंकि उनके अधिकांश सिम कार्ड कथित रूप से अवैध तरीकों से खरीदे गये थे. दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 2900 प्वाइंट ऑफ सेल्स (पीओएस) को भी काली सूची में डाल दिया है, जो सिम कार्ड जारी करते समय अनैतिक और अवैध कार्यों में शामिल पाये गये थे. अधिकारी ने कहा कि दूरसंचार सेवा प्रदाता फर्जी पीओएस के साथ-साथ उपभोक्तओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि डीओटी, पटना कार्यालय भी राज्य पुलिस के संपर्क में है और एएसटीआर विश्लेषण से तैयार की गई खुफिया जानकारी को साझा किया है.

साइबर अपराध का ‘हॉटस्पॉट’ है यह इलाका

उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि सिम धोखाधड़ी करने वालों (पीओएस/उपभोक्ता) के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई शुरू की जाएगी.बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के बाद पूर्वी भारत में साइबर अपराधों में वृद्धि देखी जा रही है. राज्य में छह जिले – पटना, नवादा, नालंदा, गया, शेखपुरा और जमुई साइबर अपराध के ‘हॉटस्पॉट’ हैं. राज्य के नवादा, गया, नालंदा, जमुई और शेखपुरा जिलों में स्थित साइबर अपराधी राजस्थान, दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल से संचालित अंतरराज्यीय गिरोहों के लिए सहयोगी के रूप में काम कर रहे हैं.

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