मधुबनी. विदेश में नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं के लिए नियोजन विभाग ने नयी पहल की है. विभाग की ओर से बिहार समुद्र पार नियोजन विस्तार योजना की शुरुआत की गयी है. इस योजना के तहत अब विभाग की ओर से बेरोजगार युवाओं को विदेशों में भी रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. योजना में ऐसे लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो पूर्व से विदेश जा चुके हैं या फिर पासपोर्ट आदि बना चुके हैं. योजना का क्रियान्वयन राज्य कार्यालय से ही किया जा रहा है. राज्य कार्यालय से विभाग को रोजगार की जानकारी दी जाती है और विभाग द्वारा शैक्षणिक योग्यता सहित अन्य अहर्ता के आधार पर अभ्यर्थियों की सूची भेजी जाएगी. इसके बाद कंपनी द्वारा संबंधित अभ्यर्थी का साक्षात्कार लिया जाएगा और उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. विभागीय जानकारी के अनुसार कंपनी के बहाली आने के बाद राज्य से ही योग्य आवेदक को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा. साक्षात्कार में चयनित होने के बाद विदेश में उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. जिला नियोजन पदाधिकारी मृणाल कुमार चौधरी ने बताया कि विदेशों में काम करने के लिए जाने वाले युवा अक्सर वहां जाकर फंस जाते हैं. बिहार में भी इस तरह के कई मामले सामने आए हैं. अब विदेशों में काम के लिए जाने वाले लोगों की पहले काउंसलिंग होगी. जिससे उन्हें मुंबई में जाकर एजेंटों के हाथों फंसने की नौबत नहीं आयेगी. बिहार के श्रम संसाधन विभाग ने सरकार की ””””समुद्र पार योजना”””” को पुनर्जीवित करते हुए रोड मैप तैयार किया है. जिसके तहत युवाओं को बताया जायेगा कि किस देश में किस शैक्षणिक स्तर के युवा को कौन-सी नौकरी में अवसर मिलेगा. उन्होंने कहा कि विदेश जाने वाले मजदूरों को ट्रेनिंग दी जाएगी. कई जिलों में विभाग की तरफ से ट्रेनिंग दी जा रही है और आने वाले समय में ””””समुद्र पार योजना”””” के तहत विभाग उन तमाम मजदूरों का डाटा रखेगा, जो विदेशों में काम करते हैं. साथ ही विभाग द्वारा एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा. जो लोग विदेशों में काम करते हैं और अगर उन्हें किसी प्रकार की वहां पर कोई परेशानी होती है तो निसंकोच वो टोल फ्री नंबर पर कॉल कर सकेंगे. श्रम संसाधन विभाग की तरफ उनको हर संभव मदद दी जाएगी. विभाग की तरफ से बाहर जाने वाले युवाओं को हर संभव मदद की जाएगी. कहा कि प्रशिक्षण के दौरान मजदूरों को जिस देश में जाना है वहां के नियम कानून बताए जाएंगे. साथ ही जिस काम के लिए मजदूर जा रहे हैं, उसके बारे में श्रम संसाधन विभाग पूरी जानकारी प्राप्त कर मजदूरों को भेजेगा. इसके लिए विभाग केंद्र की सरकार से समन्वय बनाकर एक सरकारी नोडल एजेंसी बनाएगा, जो विदेश जाने वाले मजदूरों की देख रेख करेंगी.
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