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Madhubani News : कुहासा ने लगायी रफ्तार पर ब्रेक, तापमान में गिरावट जारी

कुहासा के कारण बुधवार का दिन काफी ठंड भरा रहा. कुहासे के बीच स्कूल जाने वाले छात्र जगह - जगह रुककर अपनी बस का इंतजार करते रहे.

मधुबनी.

कुहासा के कारण बुधवार का दिन काफी ठंड भरा रहा. कुहासे के बीच स्कूल जाने वाले छात्र जगह – जगह रुककर अपनी बस का इंतजार करते रहे. कुहासे ने वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दी. सड़कों पर गाड़ियां रेंगती नजर आयी. मौसम वेधशाला पूसा से मिली जानकारी के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है.

तीन चार दिनों में अधिकतम तापमान 23-24 एवं न्यूनतम तापमान 9-11 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है. इस बीच 5-7 किलोमीटर की रफ्तार से पछिया हवा चलने का अनुमान है. बुधवार को अधिकतम तापमान 24 एवं न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. ठंड के कारण सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है. सदर अस्पताल में हर दिन 150-200 सर्दी, खांसी, बुखार एवं ठंड जनित रोग से ग्रस्त मरीज पहुंच रहे हैं. चिकित्सक मरीजों को ठंड से बचाव के लिए सलाह दे रहं हैं. ठंड बढ़ने के कारण बुधवार को ओपीडी काउंटर पर 526 मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ. इसमें सबसे अधिक मेल ओपीडी में सर्दी, खांसी, बुखार एवं दमा के 150 से अधिक मरीजों का इलाज डॉक्टर ने किया. आर्थो ओपीडी में हड्डी से संबंधित 128 मरीजों का इलाज किया. स्त्री एवं प्रसूति ओपीडी में डॉक्टर ने गायनिक एवं अन्य बीमारियों से संबंधित 113 मरीजों का इलाज किया. आई ओपीडी में डॉक्टर ने 40 मरीजों का इलाज किया . चाइल्ड ओपीडी में 55 मरीजों का इलाज किया. बीते तीन चार दिनों से सुबह से 10-11 बजे पछुआ हवा से हो रही ठंड के कारण मरीजों की संख्या में कमी आई है. लेकिन ठंढ के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, दमा व ब्लड प्रेशर के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. इन मरीजों को अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा आवश्यकतानुसार इलाज व परामर्श दिया जा रहा है. चिकित्सकों की माने तो ऐसे मौसम में मरीजों को सतर्क होने की जरूरत है.

दमा व बीपी के मरीज रखें अपना विशेष ख्याल

सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार झा की माने तो ठंड में दमा व ब्लड प्रेशर के मरीज अत्यधिक प्रभावित होते हैं. इसका मुख्य कारण सांस लेने वाले ग्रंथियों में सांस का अवरुद्ध होना है. इसके अधिकतर शिकार धूम्रपान का अधिक सेवन करने वाले मरीज होते हैं. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर के मरीज का ब्लड प्रेशर भी अधिक हो जाता है. इसका मुख्य कारण नसों में सिकुड़न होता है. ऐसे में हार्ट अटैक के मरीज की संख्या में बढ़ोतरी का कारण हर्ट को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन नहीं मिलना है. इस बीमारी से ग्रसित मरीजों को दवा का नियमित सेवन करना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर से भी ऐसे मरीज को बचना चाहिए. कोल्ड एक्सपोजर के कारण ब्लड प्रेशर के मरीज पैरालाइसिस के शिकार हो सकते हैं. सर्दी के मौसम में सबसे अधिक बचाव कोल्ड एक्स्पोजर से करना है. इसके साथ ही खानपान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.

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