मधुबनी : क्षतिग्रस्त व पुराने जर्जर मकानों में सरकारी कार्यालयों के चलने के कारण यहां आने वाले लोग डरे सहमे रहते हैं. कर्मी भी परेशान रहते हैं.
अधिकारी कार्यालय आने से डरते हैं. कार्यक्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. भूकंप के कारण इन भवनों की दशा दयतीय हो गयी है.
क्षतिग्रस्त है डीपीओ स्थापना कार्यालय
डीपीओ स्थापना कार्यालय 100 साल पूर्व बने पुराने मकान में चल रहा है. पहले इसमें नगर परिषद का कार्यालय था, लेकिन नये भवन में नगर परिषद का कार्यालय शिफ्ट कर गया है.
डीपीओ स्थापना का कार्यालय इस भवन में चल रहा है. भवन की दयनीय हालत को देखते हुए अधिकारी यदा कदा कार्यालय आते हैं. फाइलें अस्तव्यस्त हालत में है. मामूल बारिश में कार्यालय में पानी भर जाता है व फाइलें व संचिका सड़ने गलने लगती है.
यह काफी महत्वपूर्ण कार्यालय है. मदरसा, संस्कृत, प्रारंभिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों का वेतन भुगतान इसी कार्यालय से होता है. शिक्षकों का स्थानांतरण,पदस्थापना सहित कई अन्य महत्वपूर्ण कार्य इसी कार्यालय से होता है. यहां प्रतिदिन काफी संख्या में शिक्षक आते हैं पर भवन की जर्जर स्थिति के कारण वे डरे सहमे रहते हैं. इस कार्यालय में कार्यरत कर्मी भी डरे सहमे रहते हैं.
सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में दरार
नगर भवन स्थित सर्वशिक्षा अभियान कार्यालय में भूकंप के कारण दरार आ गयी है, लेकिन अभी भी पूरी तरह से कार्यालय को यहां से स्थानांतरित नहीं किया जा सका है. डीपीओ इसी जर्जर कार्यालय में बैठते हैं. इस कारण शिक्षकों व अभिभावकों का कार्यालय में आना जाना लगा रहता है.
वैसे अधिकांश संभाग को नये भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है. जर्जर भवन होने व दो जगह रहने के कारण कई कर्मी व अधिकारी समय से कार्यालय नहीं आते हैं जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है.
कई अन्य सरकारी कार्यालय जर्जर
जिला सहकारिता कार्यालय, जिला निबंधक कार्यालय, मध्यम सिंचाई कार्यालय, लघु सिंचाई कार्यालय भी जर्जर भवन में चल रहा है. कर्मी नियमित रूप से कार्यालय में नहीं बैठते हैं.