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मधवापुर में बैकलॉग बहाली में अब डीपीओ पर भी शिकंजा

केस के अनुसंधानकर्ता ने कई गड़बड़ियों का किया उल्लेख मधवापुर प्रखंड में एसएसए मद से 475 शिक्षक को ही होता है भुगतान जबकि डीपीओ द्वारा 507 शिक्षकों का पीएफएमएस में नाम किया गया है अंकित बैकलॉग पर 39 शिक्षकों का किया गया था नियोजन मधुबनी : मधवापुर में बैक लॉग पर फर्जी तरीके से बहाल […]

केस के अनुसंधानकर्ता ने कई गड़बड़ियों का किया उल्लेख

मधवापुर प्रखंड में एसएसए मद से 475 शिक्षक को ही होता है भुगतान
जबकि डीपीओ द्वारा 507 शिक्षकों का पीएफएमएस में नाम किया गया है अंकित
बैकलॉग पर 39 शिक्षकों का किया गया था नियोजन
मधुबनी : मधवापुर में बैक लॉग पर फर्जी तरीके से बहाल किये गये 39 शिक्षकों के नियोजन मामले मे अब तत्कालीन डीपीओ पर भी शिकंजा कसता जा रहा है. इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में जो बाते सामने आ रही है उसके आधार पर यह कहा जा रहा है कि इस फर्जीवाड़ा में तत्कालीन डीपीओ ने फर्जी बहाली करने वाले रैकेट का पूरा साथ दिया और बिना जांच किये ही शिक्षकों के वेतन भुगतान के आदेश दिये. जबकि यह नियम के विरूद्ध था. तत्कालीन डीपीओ को जांच के बाद ही शिक्षकों के वेतन भुगतान के आदेश पारित करना चाहिये.
इस मामले मे नगर थाना में दर्ज केस नंबर 135/19 के अनुसंधानकर्ता ने अपने अनुसंधान रिपोर्ट में इस मामले में तत्कालीन डीपीओ के अलावे मधवापुर बीईओ, कर्मी कामोद यादव को गलत तरीके से जानबूझ कर फर्जी शिक्षकों का विपत्र तैयार करने, एवं प्रभारी प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय बौकहा(पूरब) पर भी इसमें संलिप्त होने की बात कही गयी है.
कई प्रकार की गड़बड़ियां आ रहीं जांच में सामने : अनुसंधानकर्ता एसएन सारंग ने अपने अनुसंधान के दौरान कई स्तर पर इस फर्जीवाड़ा में गड़बड़ी किये जाने की बात को लिखा है. कहा है कि जांच कमिटी के अध्यक्ष रहिका बीइओ के द्वारा जब प्राथमिक विद्यालय बोकहा का स्थलीय जांच किया गया तो उस जांच में विद्यालय के चार शिक्षक कामोद यादव, किरण कुमारी, जीतेंद्र पूर्वे एवं अन्य एक शिक्षिका पूर्व से ही कार्यरत थी.
जिनका उपस्थिति पंजी पर नियोजन के दौरान से ही उपस्थिति दर्ज है. पर इसी विद्यालय में ही एक अलग पंजी भी बनाया गया है. जिस पर गलत तरीके से चार शिक्षक 2010 से अपने हस्ताक्षर कर रहे हैं. इस मामले में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा अलग से पंजी पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षकों का भी भुगतान किया गया है. जो गलत बताया गया है.
वेतन विपत्र में भी विसंगति की बात आयी सामने : जांच के दौरान प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रहिका द्वारा यह पाया गया है कि जब वे वेतन विपत्र की जांच किये तो ये बातें सामने आयी कि शिक्षक किसी अन्य विद्यालय में पदस्थापित हैं,जबकि उनका वेतन भुगतान किसी अन्य विद्यालय के नाम पर किया जा रहा है. इसी प्रकार के एक शिक्षक राम नरेश यादव के बारे में जब बीइओ रहिका ने प्राथमिक विद्यालय कुट्टी टोल बलवा टोल के प्रधानाध्यापिका से पूछ ताछ किया तो शिक्षिका ने किसी राम नरेश यादव के इस विद्यालय में पदस्थापन से इंकार किया.
ये बातें भी संदिग्ध : जांच में यह बात भी सामने आया है कि मधवापुर प्रखंड में कुल 475 शिक्षकों का एसएसए मद से भुगतान किया जाता है. जबकि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना के द्वारा पांच सौ सात शिक्षकों का पीएफएमएस में नाम अंकित है. इससे पदाधिकारी के फर्जीवाड़ा में शामिल होने की बात को बल मिल रहा है.
इन पर हुआ निलामवाद पत्र दायर : फर्जी तरीके से बहाल शिक्षक विभाग के रडार पर है. विभाग ने जांच के बाद पाया कि मधवापुर प्रखंड के 17 विद्यालयों में 40 से अधिक शिक्षक फर्जी तरीके से बहाल हुए है. जिसमें नव प्राथमिक विद्यालय सहरदई के राम भुवन दास, सुमित कुमार ठाकुर, ममता झा, बेबी कुमारी तथा रमेश ठाकुर, नव प्रा. विद्यालय लक्ष्मीपुर के राम एस दास, सतीश कुमार, रंजीत कुमार तपा, शुभम कुमार शामिल हैं. वहीं नव प्राथमिक विद्यालय वेंगरा जी के सुरेश पूर्वे, प्रा. वि. लोमा के महेंद्र यादव व सरोज यादव, प्रा. वि. उत्तरा गोठ के रागिनी कुमारी सहित अन्य विद्यालय के आधा दर्जन शिक्षक शामिल है.

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