मधेपुरा : प्रेमी के बदल जाने की तुलना अक्सर मौसम से की जाती है. मौसम की इस नीयत का मानवीकरण करते हुए बॉलीवुड ने कई गीत रचे जो काफी लोकप्रिय हुए. प्रेमी की निष्ठुरता और बदल जाने की उपमा देने के लिए बादल, मौसम, हवा के प्रतीक प्रचलित रहे हैं. शनिवार की सुबह साफ आसमान […]
मधेपुरा : प्रेमी के बदल जाने की तुलना अक्सर मौसम से की जाती है. मौसम की इस नीयत का मानवीकरण करते हुए बॉलीवुड ने कई गीत रचे जो काफी लोकप्रिय हुए. प्रेमी की निष्ठुरता और बदल जाने की उपमा देने के लिए बादल, मौसम, हवा के प्रतीक प्रचलित रहे हैं. शनिवार की सुबह साफ आसमान पर अचानक पश्चिम की ओर से काले-काले बादल घिर आये. तेज हवा चली और झमाझम बारिश ने मौसम को सुहाना बना दिया.
सुबह स्कूल के लिए बच्चे छतरी लेकर तो निकले लेकिन बारिश और रास्ते पर जमा पानी के साथ किलोल करते हुए छतरी किधर गयी इसका ठिकाना नहीं रहा. लेकिन जल जमाव के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. इस एक घंटे से अधिक की बारिश ने शहर के सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर दी है़
पूर्णिया गोला चौक पर दो फीट पानी : जगह-जगह नालियों का कचरा और पॉलिथीन ही नजर आने लगा. हर साल बारिश से पहले शहर में जल निकासी की व्यवस्था और नालियों की साफ-सफाई का दावा किया जाता है. लेकिन अभी तक कार्य योजना बना जल निकासी का पुख्ता प्रबंध नहीं करने से यह समस्या हर साल पहली बारिश में सामने आती है. पूर्णिया गोला के पास शहर की मुख्य सड़क पर दो फीट पानी जमा हो गया था. इधर से गुजरने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं वाहन चालकों तेज रफ्तार से वाहन चलाते देख लोग किनारे तो होते लेकिन कहां जाते.
पानी छलकने के कारण कपड़े गीले हो रहे थे. बस स्टैंड का भी हाल बुरा : बारिश के कारण एक ओर शहर में कॉलेज चौक, मसजिद चौक आदि जगहों पर पानी जमा रहा. वहीं शहर के बस स्टैड के गेट के पास ही जल जमाव हो गया. इसके कारण यात्रियों को बस स्टैंड के भीतर प्रवेश करने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही थी. ऑटो जैसी गाड़ियों को भी स्टैंड से बाहर निकलने में काफी परेशानी हो रही थी. बस स्टैंड की इस स्थिति को देखते हुए इससे पहले डीएम ने नाराजगी जतायी थी. इसके बाद ईंट डाल कर गड्ढे काे भरा गया था.