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हाट बंदोबस्ती बंद, फिर भी वसूल रहे बट्टी

एक अप्रैल से जिले में शराब बंदी लागू हो गयी. वहीं सिंहेश्वर बाजार में जाम का कारण बनने के कारण हाट बंदोबस्ती भी 31 मार्च के बाद बंद कर दी गयी. लेकिन शुक्रवार को हाट की बंदोबस्ती समाप्त किये जाने के बावजूद हाट से बट्टी का वसूलना बदस्तूर जारी रहा. हाट की बंदोबस्ती समाप्त किये […]

एक अप्रैल से जिले में शराब बंदी लागू हो गयी. वहीं सिंहेश्वर बाजार में जाम का कारण बनने के कारण हाट बंदोबस्ती भी 31 मार्च के बाद बंद कर दी गयी. लेकिन शुक्रवार को हाट की बंदोबस्ती समाप्त किये जाने के बावजूद हाट से बट्टी का वसूलना बदस्तूर जारी रहा. हाट की बंदोबस्ती समाप्त किये जाने की घोषणा के बाद भी अवैध तरीके से वसूली होती रही. इससे अनजान व्यवसायी दी गयी रकम की रसीद कटाते रहे.
सिंहेश्वर : जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर में रोज लगने वाले जाम की स्थिति को देखते हुए डीएम मो सोहैल ने सिंहेश्वर हाट व सैरात की बंदोबस्ती नये वित्तीय वर्ष में बंद करने का निर्णय लिया था.
उन्होंने इस पर अमल करते हुए वित्तीय वर्ष 2016-17 से हाट सैरात की बंदोबस्ती पर रोक लगाने का आदेश पारित किया. डीएम ने सब्जी मंडी के लिए सिंहेश्वर मेला परिसर स्थित मेगा शिविर का स्थल भी चिह्नित किया. उन्होंने अंचलाधिकारी को यह जगह खाली कराने का आदेश भी दिया था.
सुबह से ही वसूलते रहे बट्टी . बंदोबस्ती समाप्त होने की सूचना संवेदक को दी जा चुकी थी लेकिन सिंहेश्वर बाजार में खरीदारी करने पहुंचे छोटे व्यवसायियों से कुछ लोग बट्टी वसूलने में लगे रहे.
दुलार में छोटी सी दुकान चलाने वाले रामदेव मुखिया ने बताया कि उन्होंने अपनी दुकान के लिए आलू और प्याज खरीदा और आम दिनों की तरह ही बट्टी वसूलने वालों ने पैसे लेकर रसीद दी. उन्हें पता नहीं था कि अब हाट की बंदोबस्ती समाप्त कर दी गयी है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि बट्टी वसूलने वाले इस बाजार से होकर गुजरने वाले किसी फेरी वाले से भी बट्टी वसूल लिया करते हैं. पांच रूपये की रसीद काट कर पचास रूपये वसूलना आम बात है. नहीं देने या आनाकानी करने वालों के साथ जूतमपैजार की घटना अक्सर घटती रहती है.
सिंहेश्वर बाजार में रोज लगने वाले जाम को लेकर वित्तीय वर्ष 2016-17 में हाट सैरात की बंदोबस्ती पर रोक शुक्रवार से लागू हो गया. सुबह से प्रशासन की ओर से बाजार में सड़क के किनारे सब्जी की दुकान सहित अन्य दुकान लगाने वालों को अपनी दुकानें हटा लेने संबंधी सूचना प्रचारित प्रसारित की जा रही थी.
लेकिन फुटकर सब्जी विक्रेताओं में प्रशासन के इस आदेश से खलबली मच गयी. सब्जी विक्रेताओं का कहना था कि प्रशसन की ओर से उन्हें पहले इसके बारे में कोई सूचना नहीं दी गयी. शुक्रवार को अचानक पहले सब्जी की दुकानें पीछे कर लेने का आदेश दिया गया लेकिन बाद में उन्हें सब्जी की दुकानें हटा लेने का आदेश दे दिया गया.
आखिर कहां लगायेंगे दुकानें
मुख्य सड़क स्थित सब्जी विक्रेता जगदीश लहेरी ने बताया कि अगर प्रशासन उन्हें पहले ही इसकी जानकारी दे देता तो वह अपनी दुकाने लिये सब्जी खरीदते ही नहीं. सब्जी ऐसी चीज है कि अगर दो दिन में खपत न हो तो सड़ जायेगी. अगर दो दिन का समय दिया जाये तो वे अपनी दुकानें हटा लेंगे. लेकिन हम यहां से हटा कर सब्जी की दुकानें कहां लगायेंगे इसका अब तक पता नहीं.
वहीं सब्जी विक्रेता रूदो रमानी कहते हैं कि अगर उनकी दुकानें एक दिन बंद हुई तो उनके परिवार का भरण पोषण कहां से होगा. यहां से दुकान हटाने का आदेश तो दे दिया गया है लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है. सब्जी विक्रता पप्पू राम, बद्री रमानी, राजकुमार, संजय साह सहित सैकड़ों दुकानदार इसी चिंता से परेशान हैं.

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