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मैट्रिक परीक्षा देने की मिली सजा, घर से निकाला

आलमनगर (मधेपुरा) : उसे क्या पता था कि मैट्रिक की परीक्षा के साथ-साथ उसे गृहस्थ जीवन में अग्निपरीक्षा भी देनी पड़ेगी. ससुराल वालों के कोप का भाजन बनना पड़ेगा. अपने मासूम के साथ रात रेलवे स्टेशन पर गुजारनी पड़ेगी. लेकिन, वह कहां हार मानने वाली थी. वह सीता, दुर्गा व झांसी की रानी के देश […]

आलमनगर (मधेपुरा) : उसे क्या पता था कि मैट्रिक की परीक्षा के साथ-साथ उसे गृहस्थ जीवन में अग्निपरीक्षा भी देनी पड़ेगी. ससुराल वालों के कोप का भाजन बनना पड़ेगा. अपने मासूम के साथ रात रेलवे स्टेशन पर गुजारनी पड़ेगी. लेकिन, वह कहां हार मानने वाली थी. वह सीता, दुर्गा व झांसी की रानी के देश की नारी है.

वह सहना जानती है, लड़ना जानती है, पर हारना नहीं जानती.

ससुराल वालों के लाख विरोध के बावजूद उसने हार नहीं मानी. भैंसुर ने उसे उसके मासूम बच्चे के साथ घर से निकाल दिया, फिर भी पढ़ाई के प्रति उसकी जिज्ञासा व अबला से सबला बनने की जिद में वह हरिहर साह महाविद्यालय, उदाकिशुनगंज मैट्रिक की परीक्षा देने पहुंची. वीक्षक ने उसकी हालत के बारे मेें पूछा, तो उसने सारी बातें बतायी.
ससुराल वालों ने पूछे सवालों के जवाब
बीना कुमारी बिहारीगंज प्रखंड के हथियौंदा के परिकिया टोला स्थित अपने ससुराल में रहती है. बीना का पति मुकेश साह पंजाब में रह कर काम करता है. पढ़ने की ललक में बीना ने मैट्रिक परीक्षा देने को कहा, तो घर वालों ने विरोध किया. खास कर बीना के भैसूर जुगेश साह बीना को पढ़ाई नहीं कर घर का काम करने का दबाव बनाते रहा. लेकिन, बीना ने ससुराल वालों के खिलाफ जाकर मैट्रिक का फॉर्म भरा. इसके बाद वह सोमवार को परीक्षा देने उदाकिशुनगंज स्थित परीक्षा केंद्र हरीहर साह महाविद्यालय आ गयी. परीक्षा देने के बाद जब बीना अपने घर गयी,
तो घर वालों ने बीना से परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों का जबाव पूछा. उसने कई प्रश्नों का उत्तर दिया, पर कुछ प्रश्नों का जबाव वह नहीं दे पायी. इस पर ससुराल वाले भला-बुरा कहने लगे. तैस में आकर भैसूर ने बीना को उसके मासूम बच्चे के साथ घर से निकाल दिया. बीना रोती रही. गिड़गिड़ाती रही, पर किसी ने उसकी एक न सुनी.
वीक्षक को बतायी पूरी कहानी
थक कर बीना ने बिहारीगंज रेलवे स्टेश्न पर भूखे-प्यासे अपने बच्चे के साथ रात बितायी. सुबह होने पर मंगलवार को फिर से वह परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने पहुंच गयी. लेकिन, तब तक उसकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी. वीक्षक ने उससे दयनीय स्थिति के बारे पूछा, तो बीना ने सारी हालात बयां की.
वीक्षक ने तुरंत बीना के खाने का इंतजाम किया. इसके बाद केंद्र पर तैनात पुरैनी सीडीपीओ जयश्री दास ने मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला हेल्पलाइन को सूचना दी व बीना को केंद्र पर रहने को कहा गया है. बीना ने स्पष्ट लहजे में अपने भैसूर पर आरोप लगाते हुए कहा कि परीक्षा देना उनके लिए मंहगा साबित हो गया है.
अब इस मासूम बच्चे को लेकर वह कहां जाय. उसने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाये, वह परीक्षा देगी. केंद्र पर तैनात अधिकारी, वीक्षक सहित अन्य लोगों ने बीना की मदद के लिए हाथ उठाये हैं. वहीं बीना के साथ अत्याचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है.
परीक्षा देने के बाद बीना की माता-पिता को इसकी सूचना दी गयी. सूचना पर वे परीक्षा केंद्र पर पहुंचे व अपनी बेटी को अपने साथ घर ले गये.
जयश्री दास, सीडीपीओ, पुरैनी

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