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नष्क्रििय हैं ग्राम पंचायत सरकार के पहरेदार

निष्क्रिय हैं ग्राम पंचायत सरकार के पहरेदार – उदासीनता . ग्राम सरकार की अवधारणा के तहत सरपंचों को नहीं मिले अधिकार – ग्राम कचहरी को भवन नहीं होने के कारण जहां-तहां लगती हैं पंचायतें प्रतिनिधि, पुरैनी प्रखंड में पंचायत चुनाव के बाद ग्राम कचहरियां सक्रिय हुई. इससे आमजनों में स्थानीय स्तर पर ही न्याय मिलने […]

निष्क्रिय हैं ग्राम पंचायत सरकार के पहरेदार – उदासीनता . ग्राम सरकार की अवधारणा के तहत सरपंचों को नहीं मिले अधिकार – ग्राम कचहरी को भवन नहीं होने के कारण जहां-तहां लगती हैं पंचायतें प्रतिनिधि, पुरैनी प्रखंड में पंचायत चुनाव के बाद ग्राम कचहरियां सक्रिय हुई. इससे आमजनों में स्थानीय स्तर पर ही न्याय मिलने की उम्मीद जगी. लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी ग्राम कचहरी को पूर्ण अधिकार नहीं मिल पाया है. वहीं दूसरी ओर संसाधनों का घोर अभाव है. कभी इस दरवाजे तो कभी उस चबूतरे पर होने वाली इस ग्राम कचहरियों में लोगों को निराशा ही मिल रही है. ग्राम कचहरी हैं भवनविहीनप्रखंड के अधिकतर पंचायतों में ग्राम कचहरी को अपना भवन नहीं है. इसके कारण ज्यादातर पंचायतें सरपंच के दरवाजे पर या विकास भवन में संचालित हो रही हैं. वहीं गांवों में होने वाली अधिकतर पंचायतों में मुखियाजी ही हावी रहते हैं. न्यायिक कार्यों को संपादित करने के लिए बनाये गये सरपंच यहां गौण हो जाते हैं. इसका कारण यह है कि सरपंच को पूर्ण अधिकार नहीं मिलने के कारण गांवों के विवाद समाजिक स्तर पर ही निपटाये जाते हैं. इसमें न्यायिक प्रक्रिया क्षीण हो जाती है. कहते हैं सरपंच इस बाबत नरदह पंचायत के सरपंच आफाक अख्तर, औराय की सरपंच बीबी मुस्तरी, सपरदह पंचायत की सरपंच मुन्नी देवी व गणेशपुर पंचायत के सरपंच मंजू देवी सहित प्रखंड के सभी नौ पंचायत के सरपंचों का कहना है कि ग्राम कचहरी का गठन तो हुआ लेकिन आजतक ग्राम कचहरी संसाधन के अभाव का मार झेल रही है. नरदह पंचायत के सरपंच आफाक अख्तर तो यह भी बताते हैं कि ग्राम कचहरी में आज तक चौकीदार की व्यवस्था नहीं की गयी है. कई बार पंचायत के दौरान थाने से चौकीदार मुहैया कराने की मांग की जाती है लेकिन थानाध्यक्षों द्वारा चोकीदार नहीं भेजा जाता है. ग्राम कचहरी को अपना भवन नहीं रहने से सरपंच को किसी के दरवाजे या फिर विकास भवन व अन्य सार्वजनिक स्थल का सहारा लेना पड़ता है. बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण खासी परेशानी झेलनी पड़ती है. वहीं सरपंच व उपसरपंचों का यह भी कहना है की उन्हें समय पर भत्ता की राशि भी नहीं मिलती है. वहीं लगातार दूसरी बार सरपंच बने नरदह पंचायत के सरपंच आफाक अख्तर बताते हैं की 10 वशार्ें के कार्यकाल में अबतक सिर्फ तीन बार ही भत्ता मिला है. बहरहाल जब ग्राम कचहरी स्वंय अपनी बुनियादी सुविधाओं और हक की लड़ाई लड़ रही हो तो ऐसे में इस निष्क्रिय ग्राम कचहरियों से लोग किस हद तक न्याय की उम्मीद कर सकते हैं. कहती हैं बीडीओ इस बाबत बीडीओ रीना कुमारी बताती हैं कि इस ओर कभी उन्हें किसी सरपंच की तरफ से आवेदन नहीं दिया गया है. अब यह मामला संज्ञान में आया है तो वह वरीय अधिकारियों से इस बारे में दिशा निर्देश लेंगी. इन जगहों पर चलती है ग्राम कचहरीपंचायत — ग्राम कचहरी संचालित1़ कुरसंडी- भाड़ा के भवन में2़ सपरदह- सरपंच के दरवाजे पर3़ औराय- विकास भवन में 4़ गणेषपुर- विकास भवन में 5़ पुरैनी- विकास भवन 6़ मकदमपुर- पंचायत भवन में 7़ वंशगोपाल- भाड़ा के भवन में 8़ दुर्गापुर- विकास भवन में 9़ नरदह- विकास भवन

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