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प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बना पशुओं का बसेरा

प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बना पशुओं का बसेरा फोटो – पीएचसी यूपी – 06 से 11कैप्शन – एएनएम आवास, बदतर शौचालय, केंद्र परिसर में बैठा पशु, केंद्र पर बेकार पड़ा पोलियो दवा रखने वाला डब्बा, बेकार पड़ा चापाकल- नोट — ग्रामीण का फोटो – फाइल नाम सिर्फ नाम है. प्रतिनिधि, गम्हरिया, मधेपुरा.प्रखंड मुख्यालय बभनी पंचायत […]

प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बना पशुओं का बसेरा फोटो – पीएचसी यूपी – 06 से 11कैप्शन – एएनएम आवास, बदतर शौचालय, केंद्र परिसर में बैठा पशु, केंद्र पर बेकार पड़ा पोलियो दवा रखने वाला डब्बा, बेकार पड़ा चापाकल- नोट — ग्रामीण का फोटो – फाइल नाम सिर्फ नाम है. प्रतिनिधि, गम्हरिया, मधेपुरा.प्रखंड मुख्यालय बभनी पंचायत में प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र पशुओं का बसेरा बन कर रह गया है. यह केंद्र लोगों के इलाज के बदले पशुओं का अड्डा बना हुआ है. उप स्वास्थ्य केंद्र में मात्र एक एएनएम कार्यरत हैं. जो अपने मनमाने तरीके से केंद्र का संचालन करते हैं. ज्ञात हो कि प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र का जब से निर्माण हुआ है तब से लेकर आज तक एक भी रोगी का इलाज संभव नहीं हो पाया है. प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र बनने के बाद क्षेत्र के लोगों में आस जगी थी अब इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा. लेकिन लोगों की समस्या जश की बनी हुई है. यह केंद्र मात्र लोगों के लिए शोभा की वस्तु बनी हुई है. शुरूआती दौर में कुछ दिनों के लिए एएनएम यहां आती थी और चली जाती थी. लेकिन समय बीतने के साथ – साथ न तो यहां कोई कर्मी नजर आते है और न ही एएनएम. भूले भटके यदि कोई रोगी पहुंच भी जाय तो उसके बैरंग वापस लौटना पड़ता है और प्रखंड मुख्यालय ही जाना पड़ता है. ऐसे में यहां के रोगियों को उपस्वास्थ्य केंद्र होने के बाद भी पैसे खर्च कर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है. इससे समय की भी बर्बादी होती है. वहीं प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए सड़क भी जर्जर अवस्था में है. यदि किसी रोगी की स्थिति दयनीय होती है तो उसे इस सड़क से प्रखंड मुख्यालय ले जाने में देरी हो जाती है और कुछ भी घटित होने की आशंका से लोग डरे रहते है. इस बाबत ग्रामीणों ने बताया कि किसी भी रोगी के साथ यदि आकस्मिक हो जाय तो बभनी से गम्हरिया की दूरी छह किमी है जिसे तय करने में मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते है या तो उसकी हालत चिंता जनक बन जाती है. — समय पर नहीं पहुंचते है एंबुलेंस — आकस्मिक स्थित में जरूरत पड़ने पर यहां मरीज काफी परेशान हो जाते है. एक तो प्रखंड मुख्यालय जाने में उबर खाबड़ सड़क से छह किमी की दूरी तय करनी पड़ती है. वहीं यदि एंबुलेंस की जरूरत होती है तो एंबुलेंस मंगवाने के लिए काफी मशक्कत का सामना करना पड़ता है. — केंद्र पर लगा है कचरे के अंबार — प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम रूम में कचरा का लगा है अंबार लगा हुआ है. साथ ही शौचालय की स्थिति काफी दयनीय हो गयी है. पानी की व्यवस्था के लिए मोटर भी खोल कर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया है. वहीं केंद्र में स्थिति चापाकल भी टूटा हुआ है. ऐसे में यदि देखा जाय तो यह उप स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के लिए मुलभूत सुविधाओं को घोर अभाव है. — कहते है ग्रामीण — ग्रामीण श्रवण कुमार ने बताया कि हमलोगों को गम्हरिया की दूरी तय करने में घंटों लग जाता है. बभनी से गम्हरिया की ओर जाने वाली सड़क काफी जर्जर अवस्था में है. ऐसे में यहां से मरीज को गम्हरिया ले जाने में काफी परेशानी होती है. उन्होंने अस्पताल प्रशासन से उप स्वास्थ्य केंद्र को जल्द चालू करवाने की मांग की है. कुमार राकेश सिंह बताते है कि दुर्घटना ग्रस्त रोगी, गर्भवती महिला या अन्य मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी होती है तो गम्हरिया जाने में काफी लंबा समय लग जाता है. जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ जाती है. ग्रामीण गोपाल कुमार बताते है कि उप स्वास्थ्य केंद्र में रखा सरा समान पीएचसी गम्हरिया के किसी कर्मी के द्वारा उठाव कर लिया गया. समान का उठाव यह बात कह कर कि इस सामान का यहां जरूरत नहीं है. इसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गम्हरिया ले जाया जा रहा है. जब जरूरत होगी तब यहां लाया जायेगा. सुशील कुमार बताते है कि उप स्वास्थ्य केंद्र में लगाया गया मोटर गम्हरिया पीएचसी के किसी कर्मी के द्वारा खोल कर ले जाया गया. वहीं पूछने पर बताया कि यहां से मोटर की चोरी कर ली जायेगी. — वर्जन — केंद्र पर एक नर्स हैं अनिता कुमारी सीमा, सफाई कर्मी नहीं है, मोटर खोल कर स्वास्थ्य केंद्र लाया गया है. स्टोर रूम में चार बेड लगवाया गया था. हमलोगों के द्वारा बेड नहीं हटवाया गया है. जानकारी ली जायेगी. कुमार धनंजय, एचएम, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गम्हरिया, मधेपुरा

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