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विधानसभा क्षेत्र पर चुनाव आयोग की पैनी नजर

उदाकिशुनगंज : अनुमंडल के आलमनगर विधान सभा क्षेत्र पर चुनाव आयोग का टेढी नजर पर जाने से उम्मीदवारों के हौसले पस्त होते नजर आ रहे है. हालांकि, बिहारीगंज विधान सभा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है. यह पहला अवसर है कि भारत निर्वाचन आयोग आलमनगर विधान सभा क्षेत्र को खर्च के मामले में […]

उदाकिशुनगंज : अनुमंडल के आलमनगर विधान सभा क्षेत्र पर चुनाव आयोग का टेढी नजर पर जाने से उम्मीदवारों के हौसले पस्त होते नजर आ रहे है. हालांकि, बिहारीगंज विधान सभा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रह गया है. यह पहला अवसर है कि भारत निर्वाचन आयोग आलमनगर विधान सभा क्षेत्र को खर्च के मामले में संवेदनशील घोषित कर दिया है.

व्यय संवेदनशील वाले क्षेत्र पर चुनाव आयोग पैनी नजर रख रहे है. व्यय पर निगरानी रखने के लिए दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त कर दिये है. जो गुप्त तरीके से गांव – गांव जा कर ग्रामीणों से उम्मीदवारों द्वारा राशि व शराब वितरण की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. इसकी सूचना चुनाव आयोग तक पहुंचायी जा रही है.

पूरे आलमनगर विधान सभा क्षेत्र को व्यय संवेदनशील माना गया है. लेकिन, प्रशासन इसका खुलासा नहीं कर रहा है कि दंडाधिकारी के तौर पर किन पदाधिकारी को प्रतिनियुक्त किया गया. यानी काफी गोपनीय रखा जा रहा है. दरअसल चुनाव आयोग अभी से ही अंदेशा है कि आलमनगर विधान सभा क्षेत्र में पैसे का प्रलोभन वोटरों को दिया जा सकता है इस लिए पूरे विधान सभा क्षेत्र को खर्च के मामले में व्यय संवेदनशील घोषित कर दिया गया है.

मालूम हो कि उक्त विधान सभा क्षेत्र से काबीना मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, लोजपा से चंदन सिंह, व जनअधिकार पार्टी से जय प्रकाश सिंह चुनावी मैदान में है. दरअसल आलमनगर विधान सभा क्षेत्र का पश्चिमी भाग खगडि़या व सहरसा दक्षिण भाग भागलपुर व पूर्वी भाग पूर्णिया जिला का सीमावर्ती क्षेत्र रहा है. इस दृषिटीकोण से भी चुनाव आयोग का पैनी निगाह है. व्यय संवेदनशील घोषित किये जाने के बावजूद भी उदाकिशुनगंज प्रखंड के खाड़ा, बुधामा, शाहजादपुर, नयानगर, चौसा प्रखंड के लौआ लगान, फुलौत, चिरोरी, मोरसंडा, पैना, आलमनगर प्रखंड के खापुर, किसनपुर रतवारा, बड़गांव, कुजौरी, गंगापुर, पूरैनी प्रखंड के वंशगोपाल, व मकदपुर ग्राम पंचायत पर प्रशासन की पैनी निगाह है.

चूंकि ये सभी ग्राम पंचायत सीमावर्ती जिले से सटा हुआ है. जबकि बिहारीगंज विधान सभा क्षेत्र के कुछ ग्राम पंचायतों को भी व्यय संवेदनशील घोषित किया गया है. जिसमें बिहारीगंज प्रखंड के पड़रिया, शेखपुरा, राजगंज, उदकिशुनगंज प्रखंड के बीड़ी रनपाल, करौती पिपरा, ग्वालपाड़ा प्रखंड के खोखसी, टेमा भेला, झिटकिया, कलौतहा, चतरा, बीरगांव, पीरनगर, मुरलीगंज प्रखंड के सिघियॉन, हरीपुर कला, पोखराम, परमानंद पुर ग्राम पंचायत को व्यय संवेदनशील घोषित किया गयाहै.

इस संदर्भ में एसडीओ सह निर्वाची पदाधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि उम्मीदवारों पर पैनी निगाह रखने के लिए जगह – जगह दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त कर दिये गये है. पदाधिकारी उम्मीदवारों द्वारा खर्च पर विशेष निगाह रखेंगे. चूंकि निर्वाचन आयोग को संदेह है कि उम्मीदवारों द्वारा मतदाताओं को पैसे का प्रलोभन देकर अपनी ओर आकर्षित कर सकतें है. दंडाधिकारी का यह भी कर्तव्य होगा कि कोई भी प्रत्याशी अगर वगेर अनुमति वाहन का उपयोग करते है तो उसकी भी सूचना और त्वरित कार्रवाई करेंगे.

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