प्रतिनिधि, पुरैनी यूवीके डिग्री कॉलेज कड़ामा में आयोजित अंतराष्ट्रीय सेमिनार में संत स्वामी प्रेम चेतन्य ने ओशो दर्शन के माध्यम से साहित्य की विकास की चर्चा करते हुए कहा कि साहित्य के प्रति सान्निध्य होने की आवश्यकता जतायें. उन्होंने कहा कि जब आप साहित्य में लीन हो जायेंगे, तो ब्रह्मत्व प्राप्त करेंगे. तब वेद कुरान, उपनिषद की रचना कर सकते है. संत चेतन्य ने कहा कि इतिहास साक्षी है इस विद्या से सुर तुलसी, कबीर, बाल्मिकी ज्ञान प्राप्त कर उपनिषद की रचना की.
ओशो दर्शन के माध्यम से साहित्य विकास की चर्चा
प्रतिनिधि, पुरैनी यूवीके डिग्री कॉलेज कड़ामा में आयोजित अंतराष्ट्रीय सेमिनार में संत स्वामी प्रेम चेतन्य ने ओशो दर्शन के माध्यम से साहित्य की विकास की चर्चा करते हुए कहा कि साहित्य के प्रति सान्निध्य होने की आवश्यकता जतायें. उन्होंने कहा कि जब आप साहित्य में लीन हो जायेंगे, तो ब्रह्मत्व प्राप्त करेंगे. तब वेद कुरान, […]
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