मधेपुरा : बिहार में जदयू व भाजपा का 17 वर्ष पुराना गंठबंधन समाप्त होने पर जिले में इसकी मिश्रित प्रतिक्रया रही. दिन भर आम लोग सहित राजनीतिक हलकों में इस बात की ही चर्चा होती रही. चाय की दुकान भी इस बहस से अछूती नहीं रही. ऐसे में प्रभात खबर ने विभिन्न राजनीतिक दलों के जिलाध्यक्ष से उनकी राय पूछी.
जदयू जिलाध्यक्ष सियाराम यादव ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व के इस फैसले से पार्टी को फायदा होगा. जदयू एक गैरसांप्रदायिक दल है. लेकिन भाजपा ने अपने वरीय नेता लाल कृष्ण आडवाणी को दरकिनार कर नरेंद्र मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाया. यह जदयू को मंजूर नहीं. इसलिए शीर्ष नेतृत्व ने जो भी फैसला लिया है वह बिल्कुल सही है.
नीतीश की अगुवाई में विकास कार्य हुए हैं जनता जानती है. वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल किशोर यादव ने कहा कि नीतीश का मुसलिम वोट बैंक हासिल करने का यह विफल होने वाला तरीका है. जिस नरेंद्र मोदी के नाम पर नीतीश गठबंधन तोड़ रहे हैं, उस नरेंद्र मोदी के राज्य गुजरात में बिहार से ज्यादा मुसलमान सुख, शांति अमन और चैन से रह रहे हैं.
जदयू से अलग हो कर भाजपा बिहार में आजाद महसूस कर रही है. भाजपा अपने दम पर आगामी चुनाव लड़ कर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनायेगी. बिहार में फिर से जंगल राज शुरू हो चुका है. भाजपा बिहार विधान सभा में मजबूत विपक्ष की भूमिका निभायेगी.
राजद जिलाध्यक्ष प्रो अरविंद कुमार ने कहा कि जदयू और भाजपा का अवसरवादी गठबंधन था. इसका टूटना तय था. 17 साल से पद और सत्ता के लिये इस गठबंधन का निर्वाह किया जा रहा था. अल्पसंख्यक समुदाय के बीच नीतीश कुमार पहले ही विश्वसनीयता खो चुके हैं. मुसलिम मतदाता नीतीश कुमार के शासन काल से भली भांति परिचित हो चुकी है.
अब किसी भी सूरत में उनके साथ नहीं जायेगी. भाकपा के जिला मंत्री प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि भाजपा और जदयू का गठबंधन का टूटना देश हित में है. तीसरे मोरचे का गठन चुनाव से पहले या चुनाव के बाद होगा और इसी मोरचे का सम्मानित नेता देश का प्रधानमंत्री बनेगा.
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सत्येंद्र कुमार सिंह यादव ने कहा कि गठबंधन टूटना तय था. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सांप्रदायिक ताकतों का जो विरोध किया है वह स्वागत योग्य है. भाजपा और नरेंद्र मोदी को देश की जनता भली भांति जानती है.
भाजपा के जिला प्रवक्ता दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि बिहार के करोड़ों जनमानस के विकास, स्वाभिमान एवं प्रतिष्ठा को महफूज रखने को कृत संकल्पित भाजपा को जिस तरह नीतीश कुमार ने दगा दे कर फिर से जंगलराज की वापसी की ओर कदम बढ़ाया है वह घृणित कृत्य है. इसके लिए बिहार की जनता नीतीश को क्षमा नहीं करेगी.