मधेपुरा : शहर में घुम रहे गायों को हर मौसम का मार झेलनी पड़ती है. सर्दी, गर्मी हो या बरसात, इन गायों के नसीब में छत नहीं है. किसी खाली दुकान के शेड के नीचे या फिर बरसात में भींगते रहना इनकी नियती है. खास बात यह है कि सड़क पर घूमने वाली ये सभी गायें लावारिस नहीं हैं. कुछ पशुपालक अपनी गायों को जानबूझ कर खुला छोड़ देते हैं.
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सड़क पर खुलेआम घूमती रहती हैं गायें, राहगीर व दुकानदार परेशान
मधेपुरा : शहर में घुम रहे गायों को हर मौसम का मार झेलनी पड़ती है. सर्दी, गर्मी हो या बरसात, इन गायों के नसीब में छत नहीं है. किसी खाली दुकान के शेड के नीचे या फिर बरसात में भींगते रहना इनकी नियती है. खास बात यह है कि सड़क पर घूमने वाली ये सभी […]
एक तरफ गाय की रक्षा के लिए पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ शहर की सड़क पर ये गाय बेआसरा होकर जहां-तहां भटकती रहती हैं और इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं. ऐसा नहीं है कि मधेपुरा शहर में गाय की रक्षा के लिए आवाज उठाने वाले नहीं हैं, लेकिन इन गाय को देखने वाला कोई नहीं है.
शहर में सब्जी बेचने के लिए स्थान चिह्नित नहीं होने के कारण सब्जी की दुकानें मुख्य सड़क पर ही लगा करती हैं. इन्हीं सब्जी दुकानों के आसपास ये गायें मंडराती रहती हैं. सड़ी-गली सब्जी पर ही ये गायें भोजन के लिए निर्भर हैं.
दुखद है कि पॉलीथिन भी खाते रहने के कारण इन गायों की मौत हो जाती है. वहीं कभी किसी दुकान पर मौजूद सब्जी में मुंह लगा देने पर सब्जी वाले और ग्राहक इन्हें भगाते रहते हैं. विडंबना है कि इस ओर न गो रक्षा के पैरोकार का ध्यान गया है न ही प्रशासन का.
पांच दर्जन से अधिक पशु सड़क पर हैं घूम रहे : केवल शहर की सड़कों पर दर्जनों से अधिक पशु इधर-उधर घूमते रहते हैं. रात में भी इन गायों का ठिकाना सड़क ही होता है. रात होते ही पूरे शहर में जगह-जगह पर एक साथ गोलबंद होकर इन गायों को बैठे अक्सर देखा जा सकता है.
दिन निकलते ही भोजन की तलाश इन्हें सब्जी बाजार की ओर खींच लाती है. वहीं कुछ गायें कूड़े – कचरे की ढेर में पॉलीथिन में रखी खाद्य सामग्री को पॉलीथिन सहित खा लेती हैं. सड़क पर जहां तहां बैठने के कारण सड़क पर लोगों को गुजरने में परेशानी होती है. कभी-कभी गाड़ी से गायों को धक्का भी लग जाता है, जिसमें ये घायल हो जाती हैं.
इन घायल गायों का इलाज भी नहीं होता. ऐसी स्थिति में जब संक्रमण बढ़ जाता है तो इनकी मौत भी हो जाती है. वहीं अक्सर ये गायें आपस में ही उलझ जाती हैं और इसके कारण लोग जख्मी हो जाते हैं.
गाय के मालिकों को सचेत करे नगर परिषद
मोहन पासवान कहते हैं कि इन गायों के सड़क पर खड़े हो जाने से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. नगर परिषद को इन गाय के मालिकों को सचेत करना चाहिए कि वे गायों को खूंटे में बांध कर रखें अन्यथा नगर परिषद के चारागाह में भेज दिया जायेगा.
दिलीप कुमार व दिनेश कुमार का कहना है कि सड़क पर गाय की संख्या ज्यादा रहती है. कई बार ऐसा हुआ कि सब्जी खरीदकर सब्जी वाले को पैसा देने के लिए हाथ आगे बढ़ाया पीछे से गाय सब्जी का थैला ले भागी. तेजनारायण साह ने कहा कि गाय मालिकों को आमलोगों की समस्या का ख्याल रखना चाहिए.
पान दुकानदार राजा कुमार ने बताया कि बाजार में सुबह से शाम तक गायें बनी रहती हैं. मोबाइल दुकानदार अमित कुमार का कहना है कि मोटरसाइकिल के सामने गाय आ जाती है और दुर्घटना हो जाती है. आतीफ व कार्तिक ने बताया कि बाजारों में गाय की समस्या बहुत बड़ी है. सन्नी कुमार ने कहा कि इस दिशा में गाय के मालिक को सोचना चाहिए.
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