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नप में स्वीकृति के लिए नक्शा व एस्टीमेट कराना होगा जमा

श्रम संसाधन विभाग के पत्र के आलोक में नप को भेजा पत्र नगर पंचायत में भी नया नियम लागू मधेपुरा : शहरी क्षेत्र में लोगों के लिए आशियाना बनाना अब महंगा होगा. इसके लिये उन्हें नक्शा शुल्क के अलावा अतिरिक्त चार्ज चुकाना पड़ेगा. शुल्क चुकाये जाने के बाद ही संबंधित आवेदक को नगर परिषद प्रशासन […]

श्रम संसाधन विभाग के पत्र के आलोक में नप को भेजा पत्र

नगर पंचायत में भी नया नियम लागू
मधेपुरा : शहरी क्षेत्र में लोगों के लिए आशियाना बनाना अब महंगा होगा. इसके लिये उन्हें नक्शा शुल्क के अलावा अतिरिक्त चार्ज चुकाना पड़ेगा. शुल्क चुकाये जाने के बाद ही संबंधित आवेदक को नगर परिषद प्रशासन भवन निर्माण की अनुमति देगा. बता दें कि नक्शा स्वीकृति के लिए लोगों को पहले से ही कई शुल्क चुकाना पड़ता है. लागू नये नियम में अब भवन निर्माण की कुल प्राक्कलन राशि का एक फीसदी शुल्क के तौर पर भरना होगा. इसको लेकर श्रम संसाधन विभाग के पत्र के आलोक में नगर विकास व आवास विभाग ने नगर निकाय प्रशासन को पत्र भेजा है.
नक्शा स्वीकृति के लिए शुल्क: जिस निर्माण क्षेत्र में जितने तल का भवन निर्माण करना है उसके नक्शे की स्वीकृति के लिए आवेदक को आवेदन जमा करना होता है. आवेदन के अनुसार जमीनी तल से चार मंजिल तक सामान्य रूप में 10 रुपये प्रति स्क्वायर फीट व व्यवसायिक में 20 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से शुल्क भरना होता है. दूसरी ओर ग्राउंड फ्लोर से चार मंजिल व इसके ऊपर के निर्माण पर सामान्य रूप में 15 रुपये प्रति स्क्वायर फीट व व्यवसायिक भवन निर्माण पर 30 रुपये प्रति स्क्वायर फीट शुल्क निर्धारित है.
इन नियमों के तहत ली जायेगी राशि: श्रम संसाधन विभाग बिहार भवन व अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव दीपक कुमार सिंह ने नगर विकास विभाग को अधिनियम 1996 के अंतर्गत निगम व पंचायत क्षेत्र के नक्शा पारित करते वक्त एक फीसदी शेष राशि लेने को कहा है. पत्र में नियमावली 1998 के नियम चार (4) के तहत नगर आयुक्त व कार्यपालक पदाधिकारी को बीते तीन मार्च 2016 को निर्देशित करने का उल्लेख किया है.
नगर परिषद को नहीं होगा फायदा
नक्शा के साथ एस्टीमेट जमा लेने व प्राक्कलन की राशि का अतिरिक्त एक प्रतिशत शुल्क आवेदक से वसूली के बाद ही नक्शा स्वीकृति का निर्देश दिया गया है. अतिरिक्त वसूल की गयी राशि को नप सेल्स टैक्स विभाग में जमा करेगा. इसमें नप को कुछ भी मिलनेवाला नहीं है.
होल्डिंग टैक्स के बाद ही पास होगा नक्शा
शहरी क्षेत्र में किसी प्रकार के भवन निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृति से पूर्व संबंधित आवेदक के मोटेशन व होल्डिंग टैक्स का भुगतान होना जरूरी है. इसके बाद रजिस्टर्ड इंजीनियर को उनकी मेहनताना देकर नक्शा बनवाना होता है और इसके बाद नगर परिषद में स्वीकृति के लिए शुल्क के साथ जमा करने का प्रावधान है.

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