खनन कार्य शुरु होने से हजारों लोगों को क्षेत्र में रोजगार के मिलते अवसर खनन से पत्थर निकलने पर विकास कार्यों को भी मिलती गति पीरीबाजार. थाना क्षेत्र के अंतर्गत जलवा पहाड़ के खनन का कार्य लंबे समय से बंद पड़ा हुआ है. बता दें कि खनन का कार्य मेसर्स आइडीओ कंस्ट्रक्शन एंड कंपनी इंडिया लिमिटेड के द्वारा कार्य किया जाना तय हुआ था. जिसके लिए अधिसूचना 2006 के आलोक में 15 दिसंबर 2022 को लोक सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जिसमें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि खनन का कार्य 19.8 हेक्टेयर में किया जायेगा. वहीं मौके पर उपस्थित पदाधिकारियों ने नियमानुसार कुल आठ हजार पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया था. जिसकी समय सीमा पांच साल की होने की बात कही थी. साल 2024 बीत जाने के बाद भी अभी तक जलवा के खनन का कार्य शुरू नहीं हुआ है. लोगों में आशा था कि जलवा के खनन से क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा बेरोजगारी दूर होगी. लोगों को रोजगार के लिए तत्काल बाहर नहीं जाना पड़ता. परंतु अभी तक जलवा का खनन कार्य शुरू नहीं होने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है. लोगों का कहना है कि साल 2022 में ही जिले के पदाधिकारियों की उपस्थिति में लोक सुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. तब लोगों में आस जगी थी कि जल्द ही लोगों को रोजगार मिलेगा. परंतु अभी तक कार्य शुरू नहीं हो सका है. बता दें कि उक्त कार्यक्रम में तय हुआ था कि कुल 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. साथ ही रोजगार दिये जाने में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जायेगी. साथ ही खनन में कार्य करने वाले लोगों के लिए ग्रुप एक्सीडेंटल इंश्योरेंस पॉलिसी के साथ-साथ काम करने वाले लोगों को सुरक्षा के लिए हेल्थ चेकअप, सुरक्षा को लेकर चश्मा, सूट, जूता तथा ईयरपलक प्रदान की जायेगी. जिसमें 75 डेसिबल से ज्यादा आवाज नहीं हो. परंतु सारी नियम कानून सिर्फ हवाहवाई रह गयी है. अभी तक जलवा पहाड़ का खनन का कार्य शुरू नहीं होने में प्रशासनिक उदासीनता साफ नजर आ रही है. लोगों का कहना है कि खनन का कार्य लगभग 10 से 15 वर्षों तक चलेगा. साथ ही लोगों को रोजगार के साथ साथ क्षेत्र का विकास भी होगा. वहीं लोगों में इस बात की चर्चा है कि जलवा का खनन शुरू हो पायेगा या फिर यूं ही फाइलें बंद हो जायेगी. इस संबंध में जिले के जितने भी पदाधिकारी से बात करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने इसकी जानकारी से ही इंकार कर दिया. जबकि वर्ष 2022 में लोक सुनवाई के दौरान तात्कालीन प्रखंड के पदाधिकारी व जिला से भी पदाधिकारी भी मौजूद रहे थे. बावजूद वर्तमान के पदाधिकारियों में न तो प्रखंड के ही और न ही जिला के पदाधिकारी इस संबंध में कुछ बोलने को तैयार हैं. सभी पदाधिकारी इसे राज्यस्तरीय मामला बताकर कन्नी काट रहे हैं. वहीं खनन के लिए अधिकृत कंपनी के प्रतिनिधि का भी मोबाइल नंबर काफी दिनों से बंद ही बताया जा रहा है. जिससे इस संबंध में और जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही है.
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