लखीसराय. बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ एक्टू के आह्वान पर 20 मार्च को संघ के सदस्यों द्वारा समाहरणालय पर एक दिवसीय प्रदर्शन किया जायेगा. भाकपा माले के कार्यालय सचिव शिवनंदन पंडित ने कहा कि उपरोक्त प्रदर्शन में जिले भर के रसोइया दीदी एक जूट होकर 11 सूत्री मांगों के लिए एक एकता का प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि लंबा बजट सत्र चल रहा है. यद्यपि विधानसभा व विधान परिषद में हमारे जनप्रतिनिधियों के द्वारा लगातार रसोइयों के मानदेय वृद्धि का सवाल उठाया जा रहा है. बावजूद इसके रसोइया दीदी को सड़क पर भी आंदोलन करना है. इसके लिए राज कार्यालय ने तय किया गया था कि 19 या 20 मार्च को जिला या प्रखंड मुख्यालय पर धरना या प्रदर्शन आयोजित करना होगा. जिसके तहत लखीसराय में 20 मार्च को प्रदर्शन का आयोजन रखा गया है. यदि मौजूदा सत्र में मानदेय की वृद्धि नहीं होती है तो अप्रैल के प्रथम सप्ताह में कन्वेंशन रखकर आगे हड़ताल पर विचार किया जायेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पटना के गांधी मैदान में दो मार्च को महाजुटान के माध्यम से भाकपा माले विधायक दल का एक प्रतिनिधि मंडल बिहार विधानसभा परिषद में मुख्यमंत्री से मिले और उन्हें अपनी पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा. जिसमें बिहार के सभी रसोइया दीदी के मांग सम्मिलित है. जिस पर मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. बिहार में 68 हजार प्रारंभिक विद्यालय में रसोइया दीदी के द्वारा बच्चों के लिए भोजन पकाया जाता है. इसके लिए अभी दो लाख 18 हजार रसोइया दीदी कार्यरत है. जबकि राज्य में इनके स्वीकृत पद दो लाख 45 हजार पद सृजित है. सरकार से रसोइया दीदी के लिए 15 हजार रुपया मानदेय, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी का दर्जा, एमडीएम से एनजीओ को बाहर करने जैसी तमाम 11 सूत्री मांग शामिल है. जिसकी सरकार के वादाखिलाफी और बजट में अनदेखी किया गया है.
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