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जिले के सात प्रखंडों के 3871 हेक्टेयर में लगी फसल प्रभावित

जिले में विगत 10 अप्रैल की शाम को लोगों के लिए आंधी पानी तबाही का मंजर लेकर आया और सब कुछ अपने साथ ले गया, किसानों की फसल को नष्ट कर लिया.

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लखीसराय. जिले में विगत 10 अप्रैल की शाम को लोगों के लिए आंधी पानी तबाही का मंजर लेकर आया और सब कुछ अपने साथ ले गया, किसानों की फसल को नष्ट कर लिया. वहीं रामगढ़ चौक थाना क्षेत्र के चोटहा गांव में आंधी तूफान ने एक अधेड़ की जान भी ले ली थी. सबसे अधिक आंधी-तूफान से किसानों को हानि पहुंची है. शुक्रवार को किसानों के फसल के क्षति का अनुमान कृषि व अंचल कर्मियों के द्वारा लगाया गया है. सभी सात प्रखंड के 52 पंचायतों में किसानों के गेहूं प्याज व मक्का की खेती को हानि पहुंचा है. किसान के सैकड़ों एकड़ जमीन में लगे फसल को बर्बाद कर दिया. जिले के कुल सात प्रखंडों में मक्का प्याज व गेहूं के 3871 हेक्टेयर का फसल प्रभावित हुआ है. इसमें सबसे अधिक मक्का की खेती प्रभावित होने की बात कही जा रही है. आठ सौ से अधिक हेक्टेयर में मक्का की खेती प्रभावित हुई है. वहीं गेहूं व प्याज की खेती भी प्रभावित हुई है. इसमें पिपरिया, लखीसराय, हलसी व रामगढ़ चौक प्रखंड में कमोवेश फसल की क्षति हुई है. डीएओ सुबोध कुमार सुधांशु ने बताया गेहूं की 85 प्रतिशत की हार्वेस्टिंग हो चुकी है. ऐसे में किसान के गेहूं की गठरी उड़कर एक दूसरे किसान के खेत में चला गया है. वहीं बारिश से गेहूं के कुछ फसल को क्षति पहुंची है. मक्का की खेती आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है. बड़हिया, चानन व सूर्यगढ़ा में प्याज मक्का व गेहूं की 422 हेक्टेयर में फसल नष्ट होने का अनुमान है. कृषि विभाग के किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक द्वारा फसल प्रभावित व नष्ट होने का आकलन अभी तक किया जा रहा है.

————–गुरुवार की शाम आयी आंधी-तूफान से बिजली व्यवस्था चरमराईलखीसराय. शहर के नया बाजार व आसपास के ग्रामीण इलाकों में गुरुवार की शाम से ही बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को पानी पीने के लिए भी तरसना पड़ा. बिजली नहीं रहने से उनकी दिनचर्या काफी हद तक प्रभावित हो रही है. एक तरफ बिजली नहीं रहने के कारण गुरुवार से शाम ढलते ही सन्नाटा छाया हुआ है. वहीं दूसरी ओर समय से ड्यूटी करने वाले को अधिक परेशानी हो रही है. गुरुवार की शाम को बिजली चले जाने के बाद शनिवार की सुबह कुछ जगहों पर पुनः विद्युत आपूर्ति बहाल की गयी. वहीं कुछ जगहों पर शाम तक बिजली आपूर्ति बहाल करने की कोशिश की जा रही है. इस तरह 36 घंटे से अधिक समय तक लगातार लोग अंधेरे में रहे व बिजली नहीं रहने के कारण लोगों को पाने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. चार सौ रुपये देकर जनरेटर वालों से एक टंकी पानी लोग भरने के लिए मजबूर थे. वहीं नयी बाजार के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिजली नहीं रहने के कारण उन्हें दूर से पानी ढोकर लाना पड़ रहा था. जिससे लोगों में बिजली विभाग के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा था. हालांकि, लोग मौसम की मार को भी कोष रहे थे.

बोले अधिकारी

प्रभारी कार्यपालक अभियंता अरविंद प्रसाद ने बताया कि कई जगह बिजली में फाॅल्ट होने के कारण नया बाजार व नेरी फीडर में विद्युत आपूर्ति बाधित रही है. शुक्रवार को दिन रात बिजली को ठीक करने में समय लगने के कारण शनिवार की सुबह कई जगहों पर विद्युत बहाल किया गया है. वहीं कई जगहों पर विद्युत आपूर्ति बहाल करने की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि जगह-जगह बिजली के तारों पर पेड़ों के गिरने की वजह से विद्युत आपूर्ति पर असर पड़ा है. गिरे पेड़ों को काटकर हटाने के बाद तार को ठीक किया जा रहा है.

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