इंटर स्तरीय स्कूल में शिक्षकों का अभाव झाझा. सूबे में साक्षरता प्रतिशत बढ़ाने के लिए भले ही विद्यालयों को अपग्रेड कर दिया गया, लेकिन उस विद्यालय में शिक्षकों का घोर अभाव है. सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विकास की बात लगातार करती रही है. बावजूद इसके संतोष प्रद विकास नहीं हुआ है. प्रखंड मुख्यालय स्थित अनुग्रह विद्यालय को इंटर तक का दर्जा करीब दो साल पहले मिल चुका है लेकिन स्कूल में सुविधाओं का घोर अभाव है. उक्त विद्यालय में आज तक विज्ञान के विषयों में एक भी शिक्षक नहीं हैं. बिहार विद्यालय परीक्षा समिति नियम के अनुरूप प्रत्येक वर्ष नामांकन कराया जाता है. परीक्षा प्रपत्र भी भरा जाता है, लेकिन विज्ञान के किसी विषयों की पढ़ाई नहीं हो पाती है. जिसकी वजह से छात्र-छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. छात्र बताते हैं कि नामांकन तो हमलोग करा लेते है लेकिन शिक्षकों के अभाव में हमें काफी कठिनाई होती है. अंतत: पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए प्राइवेट ट्यूशन पर आधारित रहना पड़ता है. इसके चलते हम छात्रों को आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ती है. छात्र बताते हैं कि विद्यालय में इसके अलावे भी कई संसाधन का अभाव है. पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला का भी निरर्थक बना हुआ है. इस बाबत पूछे जाने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमरकांत झा बताते हैं कि विद्यालय में विज्ञान शिक्षक सहित संसाधन के बाबत विभाग को सूचित किया गया है. प्रधानाध्यापक भी मानते हैं कि शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई प्रभावित होता है.कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी इस बाबत जिला शिक्षा पदाधिकारी बीएन झा बताते हैं कि जल्द ही सभी विद्यालयों में विषयवार शिक्षक की नियुक्ति की जायेगी. इसे लेकर प्रयास किया जा रहा है.
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इंटर स्तरीय स्कूल में शक्षिकों का अभाव
इंटर स्तरीय स्कूल में शिक्षकों का अभाव झाझा. सूबे में साक्षरता प्रतिशत बढ़ाने के लिए भले ही विद्यालयों को अपग्रेड कर दिया गया, लेकिन उस विद्यालय में शिक्षकों का घोर अभाव है. सरकार शिक्षा के क्षेत्र में विकास की बात लगातार करती रही है. बावजूद इसके संतोष प्रद विकास नहीं हुआ है. प्रखंड मुख्यालय स्थित […]
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