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शरद पूर्णिमा में भगवान को खीर का लगा भोग

शरद पूर्णिमा में भगवान को खीर का लगा भोग कार्तिक व्रत की हुई शुरुआतप्रतिनिधि, मेदनीचौकीशरद पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को स्थानीय किउल नदी में स्नान करनेवालों की भीड़ देखी गयी. स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं द्वारा गौरी शंकर धाम में भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजन किया गया. गौ दुग्ध से बनी खीर से अर्द्धरात्रि […]

शरद पूर्णिमा में भगवान को खीर का लगा भोग कार्तिक व्रत की हुई शुरुआतप्रतिनिधि, मेदनीचौकीशरद पूर्णिमा के मौके पर मंगलवार को स्थानीय किउल नदी में स्नान करनेवालों की भीड़ देखी गयी. स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं द्वारा गौरी शंकर धाम में भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजन किया गया. गौ दुग्ध से बनी खीर से अर्द्धरात्रि के समय भगवान का भोग लगाया गया. खीर से भरे पात्र को खुली चांदनी में छत पर सुरक्षित रख दिया गया. दूसरे दिन इसी खीर को भगवान का प्रसाद के रूप में खाने-खिलाने का रिवाज है. कुछ श्रद्धालुओं द्वारा रात में चंद्रमा को अर्घ दिया गया. ज्योतिष की मान्यता है कि संपूर्ण वर्ष में केवल इसी दिन चंद्रमा षोडश कलाओं का होता है. इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों के साथ यमुना के तट पर रास रचाया था. इसलिए इसे रास पूर्णिमा भी कहा जाता है. नव विवाहिताओं को पूर्णिमासी का व्रत नियम शरद पूर्णिमा से ही शुरू करनी चाहिए. कार्तिक स्नान व्रत शरद पूर्णिमा से ही आरंभ किया जाता है और कार्तिक पूर्णिमा को संपन्न किया जाता है. इसमें स्नान के लिए घर के बरतनों की अपेक्षा कुंआ, तालाब तथा नदी आदि पवित्र माने जाते हैं. सायंकाल व्रती महिला मंदिरों, पीपल के वृक्ष और तुलसी के पौधे के पास दीये जलाती है. समारोहपूर्वक किया गया हनुमान जी का पूजनहनुमान चालीसा व सुंदरकांड के संपुट पाठ से माहौल भक्तिमयफोटो-06चित्र परिचय: सलेमपुर बड़की ठाकुरबाड़ी में पाठ करते पुरोहित प्रतिनिधि, मेदनीचौकीशरद पूर्णिमा के अवसर पर मंगलवार को सलेमपुर पश्चिम पंचायत के श्रीराम-जानकी बड़ी ठाकुरबाड़ी स्थित महावीर मंदिर परिसर में हनुमान जी की धूमधाम से पूजा की गयी. अगरबत्ती, धूप, दीप जला कर हनुमान चालीसा का सस्वर गायन किया गया. उसके पश्चात रामचरितमानस के सुंदरकांड का संपुट पाठ किया गया. पाठ करने वाले श्रद्धालुओं में विभा कुमारी, पिंकी सिंह, प्रतिमा देवी, अरुण सिंह, परमजीत सिंह, कुंदन कुमार, रामानुज सिंह, रामाकांत सिंह, कृष्णनंदन सिंह शामिल थे. जबकि तबले पर ब्रह्मदेव सिंह, हारमोनियम पर अनिल सिंह व झांझ पर शत्रुघन सिंह साथ दे रहे थे. मौके पर बड़ी ठाकुरबाड़ी के पुजारी सुखदेव दास जी महाराज ने कहा कि हनुमान जी का पूजन, जप, ध्यान और उपासना करने से व्रती की सभी मनोरथ व कामनाएं पूर्ण होती है. उनकी देखरेख में भजन संकीर्तण के आयोजन के बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया.

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