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कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र प्रारंभ

कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र प्रारंभ मां दुर्गा का आगमन घोड़ा पर व वापसी मनुष्य पर होगा. 21 अक्तूबर को महाअष्टमी व 22 अक्तूबर को नवमी व दशमी होगी. फोटो : 1(कलश स्थापना कर पूजा अर्चना करते समिति के सदस्य)जमुई : मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री की पूजा अर्चना लोगों ने अपने-अपने […]

कलश स्थापन के साथ शारदीय नवरात्र प्रारंभ मां दुर्गा का आगमन घोड़ा पर व वापसी मनुष्य पर होगा. 21 अक्तूबर को महाअष्टमी व 22 अक्तूबर को नवमी व दशमी होगी. फोटो : 1(कलश स्थापना कर पूजा अर्चना करते समिति के सदस्य)जमुई : मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैल पुत्री की पूजा अर्चना लोगों ने अपने-अपने घरों में कलश स्थापना कर श्रद्धा व भक्ति के साथ की. कलश स्थापना के साथ ही पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा. इस दौरान स्थानीय श्री कृष्ण सिंह स्टेडियम स्थित दुर्गा मंदिर सह पूजा पंडाल में कलश स्थापना कर मां दुर्गा की पूजा अर्चना पूरी भक्ति भाव के साथ की. मौके पर जानकारी देते हुए कृष्णकांत आचार्य उर्फ शिरोमणि झा ने बताया कि मां दुर्गा का आगमन इस बार घोड़ा(तुरंग) पर हो रहा है, जो कहीं से भी शुभ नहीं है. क्योंकि माता का आगमन घोड़ा पर होने से सम्मान की क्षति होती है. जबकि मां दुर्गा की विदाई मनुष्य पर होगी जो काफी शुभ है. उन्होंने बताया कि मां दुर्गा नौ रूप प्रथम शैलपुत्री, द्वितीय ब्रह्मचारिणी, तृतीय चंद्रघंटा, चतुर्थ कुष्माण्डा, पंचम स्कन्दमाता, षष्टम कात्यायनी, सप्तम कालरात्रि, अष्टम महागौरी व नवम सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना नौ दिनों तक विधि विधानपूर्वक करने से धन धान्य, सुख संपत्ति तथा यश व वैभव की प्राप्ति होती है. पंडित श्री झा ने बताया कि 20 अक्तबर को महासप्तमी का व्रत होगा. जबकि 21 अक्तूबर को महाअष्टमी तथा 22 अक्तूबर को नवमी व दशमी एक साथ होगी.

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