हलसी. गरमी के मौसम को देखते हुए पानी व चारे की उचित व्यवस्था नहीं होने से प्रखंड के विभिन्न पशुपालकों का पलायन जारी है. गरमी को लेकर जल स्तर के नीचे चले जाने से तथा इस दिशा में सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं होने से प्रत्येक वर्ष पशुपालक अपने पशुओं के चारे को लेकर गंगा के तटीय इलाकों में अगले बरसात तक रहते हैं. क्षेत्र के सड़कों पर अपने पशुओं के साथ माथे पर चार महीने की खुराक लिये सीमावर्ती जिला जमुई के चारण, डूमरकोला, खैरा, गढ़ी विशनपुर आदि इलाके चले जाते हैं. पशुपालक कैलाश यादव, घुटक यादव, महेश यादव, रामचन यादव, रामबालक यादव आदि ने बताया कि हमारे यहां सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने से प्रत्येक वर्ष लगभग महीने भर लगभग बाहर रहना पड़ता है. पशुपालक ने कहा कि हालांकि इसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि व सरकारी पदाधिकारी को भी अवगत कराया गया परंतु इस दिशा में कोई ठोस कार्य नहीं किया गया. पशुपालकों ने बताया कि जहां सरकार एक ओर पशुपालक को बढ़ावा देने के लिए कई कारगर उठा रही है वहीं विभागीय सुस्ती इस की असलियत बताने के लिए काफी है. इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि सही आकलन के लिए टीम का गठन किया गया. सही आकलन करके ही उचित कार्य किया जायेंगे.
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पानी के अभाव में पशुपालक पशु लेकर कर रहे हैं पालयन
हलसी. गरमी के मौसम को देखते हुए पानी व चारे की उचित व्यवस्था नहीं होने से प्रखंड के विभिन्न पशुपालकों का पलायन जारी है. गरमी को लेकर जल स्तर के नीचे चले जाने से तथा इस दिशा में सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं होने से प्रत्येक वर्ष पशुपालक अपने पशुओं के चारे को लेकर गंगा […]
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