8.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

30-45 की उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर का खतरा अधिक

सर्वाइकल कैंसर से बचाव है बहुत जरूरी. जो गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़ों और किडनी तक फैल जाता है.

किशनगंज.सर्वाइकल कैंसर से बचाव है बहुत जरूरी. जो गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर लिवर, ब्लैडर, योनि, फेफड़ों और किडनी तक फैल जाता है. सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि आंकड़ों की बात मानें तो ब्रेस्ट कैंसर के बाद 25 प्रतिशत महिलाओं में मौत का दूसरा कारण सर्वाइकल कैंसर है. जिले में मुंह एवं सर्वाइकल के कैंसर के मरीजों के बायोप्सी का कार्य जारी है.

वहीं अब सर्वाइकल बायोप्सी कराने के लिए सिलीगुड़ी या अन्य बड़े शहरों का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है. क्योंकि सदर अस्पताल में दो और सर्वाइकल बायोप्सी की गई है. अब तक सदर अस्पताल के एनसीडी क्लिनिक में 09 ओरल और 04 सर्वाइकल कैंसर मरीज की बायोप्सी जांच गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी की देख रेख में की गयी है.

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि सदर अस्पताल में एनसीडी सेल के चिकित्सक डॉ विजयलक्ष्मी एवं डॉ. सद्दाम अंसारी द्वारा अब तक मरीजों की स्क्रीनिंग की 800 से अधिक मुंह कैंसर की स्क्रीनिंग की गयी है. वहीं 5639 महिलाओं के स्तन कैंसर स्क्रीनिंग,4 महिलाओं की सवाईकल स्क्रीनिंग की गयी. जिसमें 76 मरीज सस्पेक्टेड पाए गए हैं.अब तक कुल 32964 लोगो की स्क्रीनिंग की गयी है जिसमे 13235 पुरुष एवं 19729 महिला शामिल है , वही दो महिला संभावित महिला कैंसर मरीज की सर्वाइकल बायोप्सी की गयी. जिसका सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया है.

उन्होंने बताया की कैंसर के खतरे व इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति आम लोगों को जागरूक किया गया. इस दौरान सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कैंसर स्क्रीनिंग व जरूरी चिकित्सकीय परामर्श संबंधी सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध करायी गई. आमलोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता होगी ताकि लोग अपने शरीर में होने वाले असामान्य परिवर्तन को पहचानें.

कैंसर जांच करनी होगी आसान

एनसीडीओ डा उर्मिला कुमारी ने बताया बायोप्सी के माध्यम से आसानी और कम समय में कैंसर की पहचान हो जाती है. इसके लिए मरीज के प्रभावित इलाकों से टिशू नमूने के रूप में लिए जाते हैं. जिसके बाद मशीन से उसकी जांच होती है. हालांकि, बायोप्सी कई प्रकार की होती है. कई स्थानों पर ऑप्टिकल बायोप्सी की भी सुविधा है. उन्होंने बताया कि कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं. इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है. स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा. उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले,नहीं भरने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है. यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है. इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी. अगर मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें डॉक्टर की सलाह ले.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar News Desk
Prabhat Khabar News Desk
यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel