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गलगलिया-अररिया पर ट्रेन के परिचालन का इंतजार

ठाकुरगंज-अररिया रेल लाइन के उद्घाटन का लोगों को है बेसब्री से इंतजार

-ठाकुरगंज-अररिया रेल लाइन के उद्घाटन का लोगों को है बेसब्री से इंतजार

-तीन चरणों में हुआ सीआरएस निरिक्षण

-बनकर तैयार है 106 किमी लम्बा नया रेल खंड ठाकुरगंज

भारत नेपाल सीमा पर बसे किशनगंज और अररिया जिले में दूरदराज के हजारों परिवार गलगलिया-अररिया रेल खंड पर ट्रेन सेवाओं के उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस नए रेलखंड पर यातायात कब शुरू होगा, यह विभाग के अधिकारी बताने को तैयार नहीं. रेल सूत्रों ने बताया कि 110 किमी लम्बे इस नए रेल मार्ग जो ठाकुरगंज से शुरू होकर पौआखाली, बीबीगंज, लक्ष्मीपुर, रहमतपुर होते हुए अररिया तक जायेगी, इसमें सभी स्टेशन बनकर तैयार हो चुके है. सीआरएस निरीक्षण होकर रेल परिचालन के लिए हरी झंडी भी मिल चुकी है लेकिन रेलवे द्वारा ट्रेन परिचालन की घोषणा नहीं होने से लोगो की उम्मीदे धराशाई हो रही है.

यह है अररिया-गलगलिया रेल लाइन प्रोजेक्ट

पूर्वोत्तर भारत को सीमांचल-मिथिलांचल के रास्ते दिल्ली एवं अन्य राज्यों से जोड़ने वाली यह परियोजना 534 करोड़ की अनुमानित लागत से तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा वित्तीय वर्ष 2006-07 के बजट में स्वीकृत हुई थी जो अब बढ़कर 2145 करोड़ हो गई है. बताते चले कि अब इस परियोजना को रेलवे बोर्ड द्वारा वरीयता के आधार पर पूरा करने की कोशिश की गई है.

तीन चरणों में हुआ निरिक्षण

अररिया गलगलिया रेल खंड पर अररिया-अररिया कोर्ट-रहमतपुर सेक्शन (8.24 कि.मी.) अप्रैल 2024 में चालू कर दिया गया. इसके बाद पौआखाली-ठाकुरगंज सेक्शन (23.24 कि.मी.) नवंबर 2024 में चालू किया गया. सीआरएस निरीक्षणों के सफल समापन के साथ अंतिम और सबसे लंबा सेक्शन-रहमतपुर से पौआखाली (79.77 कि.मी.) भी चालू हो गया, जिससे संपूर्ण अररिया-गलगलिया ब्रॉडगेज कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो गया है. नवनिर्मित लाइन को अधिकतम 100 किमी प्रति घंटे की गति से परिचालन के लिए अधिकृत किया गया है.

15 रेलवे स्टेशन है इस प्रोजेक्ट में

बताते चले इस प्रोजेक्ट के तहत 15 रेलवे स्टेशन और 1 हॉल्ट स्टेशन बनाए गए हैं. प्रमुख स्टेशनों में ठाकुरगंज, पौआखाली, बीबीगंज, कालियागंज, लक्ष्मीपुर, खवासपुर, रहमतपुर, अररिया कोर्ट और अररिया जैसे नाम शामिल हैं. वहीं होल्ट में भोगडाबर, कादोगांव, तुलसिया, टेढ़ागाछ, बरधा, बांसबाड़ी शामिल है. 2004-05 में स्वीकृत इस परियोजना की शुरुआत 2006 में तत्कालीन सांसद मो8 तस्लीमुद्दीन और तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव की उपस्थिति में ठाकुरगंज में हुई थी. हालांकि निर्माण कार्य 2019 में जाकर तेज़ी से शुरू हो सका. परियोजना की कुल लागत लगभग 2145 करोड़ रुपये है, जिसमें 1632 एकड़ भूमि अधिग्रहण भी शामिल है. रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह रेललाइन सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ ट्रेड और ट्रांसपोर्टेशन को भी नई दिशा देगी.

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