जिला परिषद नासिक नदीर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को सौंपा मांगपत्र
किशनगंज. जिला परिषद सदस्य नासिक नदीर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को समाहरणालय में जिलाधिकारी (डीएम) विशाल राज को एक महत्वपूर्ण मांगपत्र सौंपा. यह मांगपत्र बिहार सरकार की किशनगंज जिले में खाली पड़ी हजारों एकड़ जमीन को सीमांकित कर उसे जनहित में उपयोग में लाए जाने के संबंध में है.खाली भूमि को उपयोग में लाने की गुहार
जिला परिषद सदस्य नासिक नदीर ने डीएम विशाल राज को सौंपे गए ज्ञापन में जिले के विभिन्न अंचलों में बिहार सरकार की खाली पड़ी विशाल भूमि का ब्यौरा दिया. बताया गया कि ठाकुरगंज अंचल अंतर्गत मौजा भोलमारा, बहादुरगंज अंचल अंतर्गत मौजा दमदमा, लेल्हिया व मुरमैला, कोचाधामन अंचल अंतर्गत मौजा पाठकोई कला, पाठकोई खुर्द, घुरना, व डेरामारी पंचायत के मौजा डेरामारी, कैराबाड़ी, बालुबाड़ी (लगभग 500 एकड़), किशनगंज अंचल अंतर्गत मौजा हालामाला, अन्धवाकोल. को मिलाकर, लगभग 1200 एकड़ सरकारी भूमि खाली पड़ी है, जिसका वर्तमान में कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है.मेडिकल कॉलेज, एम्स व यूनिवर्सिटी बनाने का प्रस्ताव
मांग पत्र में जिला परिषद सदस्य ने प्रस्तावित किया है कि खाली पड़ी बिहार सरकार की इस विशाल भूमि को सीमांकित कर उस पर मेडिकल कॉलेज, एम्स, विश्वविद्यालय, अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम व सेना स्टेशन जैसी महत्वपूर्ण संस्थाओं का निर्माण किया जाये. उनका मानना है कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से न केवल क्षेत्र का विकास होगा बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.ज्ञापन में यह भी बताया गया है कि नासिक नदीर वर्ष 2019 से 2025 तक लगातार इन्हीं खाली जमीनों के उपयोग को लेकर भूख हड़ताल, धरना प्रदर्शन और कई न्यायिक आंदोलन करते आ रहे हैं. जिला परिषद सदस्य नासिक नदीर ने जिलाधिकारी से अपील की है कि इन अंचलों के अंतर्गत बिहार सरकार की खाली पड़ी जमीन को सीमांकित करने संबंधी उचित आदेश पारित करने की कृपा करें ताकि क्षेत्र में विकास का मार्ग प्रशस्त हो सके. प्रतिनिधिमंडल में नासिक नदीर के साथ समिति सदस्य अंजार आलम, इमरान आलम और समाजसेवी मुस्तफा आलम भी मौजूद थे.
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