Bihar News: किशनगंज. बिहार के पूर्वी इलाके में नेपाल से सटे किशनगंज के लोग दहशत में हैं. यहां नेपाल से आये हाथी ने उत्पात मचा रखा है. नेपाल के जंगलों से निकलकर बिहार आए हाथी के कारण दिघलबैंक प्रखंड के लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. हाथियों के धनतोला पंचायत के विभिन्न गांवों में घुस आने की जानकारी देते हुए पंचायत के मुखिया लखीराम हांसदा ने बताया कि सीमा पार नेपाल क्षेत्र के घेराबाड़ी में लगातार डेरा डाले हुए करीब एक दर्जन हाथियों के झुंड में से भटककर सीमा पार आनेवाले इन हाथियों के झुंड ने पंचायत के विभिन्न गांवों के आसपास खेतों में लगे मक्के कि फसलों के साथ साथ कई कच्चे घरों सहित धनतोला हाई स्कुल के पीछे के चाहरदिवारी को नुकसान पहुंचाया.
रात के अंधेरे में नेपाल से आया था हाथियों का झुंड
बताया जाता है कि रात के करीब आठ बजे सीमापार नेपाल से खोंशी टोला होते हुए धनतोला पंचायत में घुसे हाथियों के झुंड ने करीब 6 से 7 घंटों तक पूरे पंचायत का भ्रमण किया. अलग अलग गांवों में उत्पात मचाते हुए हाथियों का झुंड जगह-जगह जमकर उत्पात मचाया. बताया जाता है कि सुबह होने से पहले ही हाथियों का ढुड नेपाल की ओर वापस लौट गया. इस दौरान हाथियों के झुंड ने मोहमारी में चीलका प्रसाद सिंह ,नया कदम टोला चौक के सुकोल सोरेन,गिरी टोला के सेलठू गिरी ,ठाकुर प्रसाद सिंह आदि के घरों को नुकसान पहुंचाते हुए घर के अंदर रखे सारे सामानों को नष्ट कर डाला. हाथियों के झुंड ने धनतोला पंचायत के खोंसीटोला, मोहमारी, नयाटोला कदम चौक,ब्रह्म टोला, गिरीटोला, धनतोला, मूलाबाड़ी आदि गांव के दर्जनों किसानों के मक्के की फसल सहित कच्चे मकानों व विद्यालय के चाहरदिवारी को नुकसान पहुँचाया है.
घर से भाग कर लोगों ने बचायी जान
अचानक से हाथियों के घुस आने से जहां पीड़ित परिवार के लोगों किसी तरह घर से भागकर अपनी जान बचाई. वहीं धनतोला पंचायत में हाथियों के आने कि जानकारी मिलते हीं हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल बन गया. इस बीच, लोगों ने अपने अपने घरों के सामने अलाव जलाकर हाथियों को आगे बढ़ने से रोका और हाथियों का झुंड वापस नेपाल कि ओर निकल गया, लेकिन जाते जाते गांव के आसपास खेतों में लगे मक्के कि फसल को रौंदते और बर्बाद करते हुए गया. इस दौरान हाथियों द्वारा केला, आलूतथा मक्के के पौधों को भी नुकसान पहुंचाने के साथ साथ बम टोला सुरीभिट्ठा तथा डोरिया गांवों में एक कच्चे मकान सहित दो पक्के मकानों को भी क्षतिग्रस्त किया गया.
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