किशनगंज. प्रधानमंत्री की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और नेवरहुड फर्स्ट पॉलिसी के विजन की दिशा में पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना में असम को भूटान से जोड़ने के लिए कोकराझार से गेलेफू तक एक नई रेललाइन प्रस्तावित है, पूर्वोतर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि इसके निर्माण से सीमा पार संपर्क में सुधार होगा और द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे. श्री शर्मा ने बताया कि केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पिछले दिनों गुवाहाटी में एडवांटेज असम 2.0 निवेश और बुनियादी ढ़ांचा शिखर सम्मेलन के दौरान इस परियोजना की घोषणा की. बताते चले प्रस्तावित 69.04 कि.मी. रेलवे लाइन असम के कोकराझार स्टेशन को भूटान के गेलेफू से जोड़ेगी, जिसकी अनुमानित लागत 3,500 करोड़ रुपये है. इस परियोजना में छह नए स्टेशनों का विकास शामिल है, जो बालाजान, गरुभासा, रुनिखाता, शांतिपुर, डाडगिरी और गेलेफू है. इसके अतिरिक्त, अवसंरचना योजना में 2 महत्वपूर्ण पुल, 29 बड़े पुल, 65 छोटे पुल, 01 रोड ओवर ब्रिज, 39 रोड अंडर ब्रिज और 11 मीटर लंबाई के 02 वायडक्ट शामिल हैं. इस नै रेल लाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण (एफएलएस) को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है और इसके बाद अनुमोदन एवं आवश्यक निर्देशों के लिए डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) पेश बनाई गई है. प्रस्तावित रेलवे लाइन व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा प्रदान कर उल्लेखनीय रूप से भारत- भूटान संबंधों को प्रगाढ़ करेगा. यह कनेक्टिविटी में सुधार कर भूटान को अपनी पहली रेलवे लिंक प्रदान करेगा, जिससे निर्बाध परिवहन की सुविधा मिलेगी. इसके अतिरिक्त, यह रेलवे लाइन बोडोलैंड को एक ट्रेड और ट्रांसज़िट हब के रूप में स्थापित करेगी, जिससे स्थानीय व्यवसायों और समुदायों को लाभ होगा. कुल मिलाकर, असम-भूटान रेलवे लाइन बोडोलैंड की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी में बदलाव को तैयार है, जो दीर्घकालिक विकास और प्रगति के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी.
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