आशा कार्यकर्ता न केवल स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़, बल्कि ग्रामीण समाज की आशा हैं
किशनगंज.स्वस्थ समाज की नींव जमीनी स्वास्थ्य सेवाओं पर टिकी होती है और इस कड़ी को मजबूत करने के उद्देश्य से मंगलवार को ठाकुरगंज और पोठिया प्रखंडों में आशा दिवस सह समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक की अध्यक्षता प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने की. कार्यक्रम में दोनों प्रखंडों की सभी आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया.
डिजिटल तकनीक से सशक्त हो रही हैं आशा कार्यकर्ता: एम-आशा ऐप पर विशेष बल
बैठक में विशेष रूप से एम-आशा ऐप के सही उपयोग पर फोकस किया गया. यह ऐप आशा कार्यकर्ताओं को डिजिटल रूप से जोड़कर उनके कार्यों की निगरानी, रिपोर्टिंग और फॉलोअप को सटीक बनाता है. उन्हें निर्देशित किया गया कि सेवाओं की जानकारी समय पर ऐप में दर्ज करें, ताकि योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे.हर गर्भवती तक पहुंचें सेवाएं, सुरक्षित प्रसव हो प्राथमिकता
सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि समीक्षा बैठक में गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान, उनका पंजीकरण और उन्हें संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करना आशा कार्यकर्ताओं की प्रमुख जिम्मेदारी है. बैठक में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान और संस्थागत प्रसव दर बढ़ाने के लिए विशेष रणनीति पर चर्चा की गई.टीकाकरण और स्क्रीनिंग से रोगों की रोकथाम, आशा बनें जागरूकता की मिसाल
0 से 5 वर्ष तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण और 30 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों की गैर-संचारी रोगों (मधुमेह, रक्तचाप, कैंसर आदि) की स्क्रीनिंग पर बल दिया गया. आशा कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि वे हर घर तक पहुंच कर इन सेवाओं की जानकारी दें.परिवार कल्याण और आयुष्मान भारत के लाभार्थियों तक पहुंचे योजनाओं का लाभ
बैठक में परिवार नियोजन, एफपी लॉजिस्टिक्स प्रबंधन, और आयुष्मान भारत योजना की समीक्षा की गई. आशाओं से कहा गया कि वे योग्य लाभार्थियों का नामांकन करवा कर मुफ्त इलाज की सुविधा तक उन्हें पहुंचाएं.आशा कार्यकर्ताओं को बताया बदलाव की शक्ति
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि आशा कार्यकर्ता न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की संवाहक हैं, बल्कि वे समाज में परिवर्तन की वाहक भी हैं. जब तकनीक, संवेदनशीलता और सेवा भावना एक साथ आती है, तब स्वस्थ समाज का सपना साकार होता है. आशा कार्यकर्ता ही वह आधार हैं, जिन पर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था टिकी हुई है. बैठक के दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा आशा कार्यकर्ताओं की क्षेत्रवार समीक्षा की गई और उन्हें उनके कार्यों के मूल्यांकन के आधार पर आवश्यक मार्गदर्शन दिया गया. सिविल सर्जन डॉ राज कुमार चौधरी ने बताया कि यह बैठक केवल समीक्षा भर नहीं, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति नई सोच, नई ऊर्जा और नई दिशा देने का प्रयास थी. यह संदेश स्पष्ट था – हर घर तक स्वास्थ्य, हर जन तक जागरूकता.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है