किशनगंज. जिले में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी क्रम में यूएमएस पुराना खगड़ा में एक विशेष प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें आंगनबाड़ी सेविकाओं, शिक्षकों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एनीमिया की पहचान, रोकथाम और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई. बच्चों और महिलाओं में एनीमिया एक गंभीर समस्या है, सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने एनीमिया के दुष्प्रभावों और इससे बचाव के उपायों पर प्रकाश डालते हुए कहा बच्चों और महिलाओं में एनीमिया एक गंभीर समस्या है, जो उनके संपूर्ण विकास को प्रभावित कर सकती है. सही पोषण, आयरन युक्त आहार और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच करवाकर इसे रोका जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में लगातार प्रयासरत है और जनभागीदारी से ही इसे सफल बनाया जा सकता है. “जिलाधिकारी विशाल राज ने इस अवसर पर कहा एनीमिया मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने के लिए सामुदायिक सहयोग आवश्यक है. स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य संस्थानों के माध्यम से हर नागरिक तक पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी पहुंचाने की जरूरत है.
बच्चों के आहार पर विशेष ध्यान दिया जाए
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने सभी से आग्रह किया कि वे एनीमिया मुक्त समाज बनाने के लिए आगे आएं. खासकर गर्भवती महिलाओं, धात्री माताओं और बच्चों के आहार पर विशेष ध्यान दिया जाए. सही पोषण ही एक स्वस्थ भविष्य की नींव रख सकता है.इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से किशनगंज जिले में एनीमिया मुक्त भारत अभियान को नई गति मिली है. यह पहल बच्चों, किशोरियों और महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी. “स्वस्थ किशनगंज, सशक्त किशनगंज ” के संकल्प के साथ यह अभियान जारी रहेगा.
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