स्थानीय लोगों में जगी आस
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. गलगलिया-अररिया रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू
स्थानीय लोगों में जगी आस गलगलिया-अररिया रेल लाइन परियोजना के निर्माण का सपना अब जल्द पूरा होने वाला है. काफी जद्दोजहद के बाद इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ हो गया है. भूमि अधिग्रहण का काम प्रारंभ होने से स्थानीय लोगों में रेल परिचालन की उम्मीद जगी है. ठाकुरगंज : सीमांचल की […]
गलगलिया-अररिया रेल लाइन परियोजना के निर्माण का सपना अब जल्द पूरा होने वाला है. काफी जद्दोजहद के बाद इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य प्रारंभ हो गया है. भूमि अधिग्रहण का काम प्रारंभ होने से स्थानीय लोगों में रेल परिचालन की उम्मीद जगी है.
ठाकुरगंज : सीमांचल की तसवीर बदलने की ताकत रखने वाली गलगलिया-अररिया नयी रेल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है. एनएफ रेलवे के कटिहार रेल मंडल के उप मुख्य अभियंता(निर्माण) के द्वारा निर्गत पत्र के आधार पर ठाकुरगंज अंचल अंतर्गत पड़ने वाली भूमि के अधिग्रहण के लिए अंचल प्रशासन सक्रिय हो चुका है.
रेलवे द्वारा चिह्नित की गयी भूमि की नापी के लिए अंचल अमीन व हल्का कर्मचारियों द्वारा काम शुरू कर दिया गया है. इसके लिए विशेष दल का गठन कर मौजावार अंचल अमीन व हल्का कर्मचारियों को जल्द से जल्द स्थल पर पहुंच कर भू स्वामियों से भूमि का कागजात लेकर जिलाधिकारी के पत्रांक 163/जिला भू अर्जन दिनांक 10 अप्रैल 16 के तहत भूमि का खतियान रकवा अर्जित रकवा, खाता संख्या, खेसरा, खतियानी रैयत का नाम, वर्तमान रैयत का नाम व अर्जित की जाने वाली भूमि की चौहद्दी का विवरण आदि अंकित करना है. जिस पर गठित टीम द्वारा काम शुरू कर दिया गया है.
क्या है पूरी परियोजना
लगभग 540 करोड़ की शुरुआती लागत वाली अररिया-गलगलिया नयी रेल लाइन जिसका शिलान्यास 17 सितंबर 2007 को तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने ठाकुरगंज में किया था. 101 किमी लंबी इस रेल परियोजना में अब तक केवल एक पुल का ही कार्य हो पाया. तत्कालीन सांसद तस्लीमुद्दीन के प्रयास से शुरू हुई इस रेल परियोजना में इस रेल बजट में 150 करोड़ का आवंटन किया गया, पर राशि पिछले बजट में दी गयी. उस 110 करोड़ की राशि से अलग है. जिसका उपयोग ठाकुरगंज से पौैआखाली तक के लगभग 23 किमी के भूमि अधिग्रहण के लिए दी गयी थी
तथा अधिग्रहण नहीं होने के कारण यूं ही पड़ी है.अब तक वित्तीय वर्ष 11-12 के ब जट में 6 करोड़, 12-13 के बजट में 10 करोड़, 13-14 के बजट में 2 करोड़ व 14-15 में 10 करोड़ का ही आवंटन केंद्र सरकार ने किया था. परंतु केंद्र में एनडीए की सरकार ने इस परियोजना का सामरिक दृष्टिकोण से महत्व समझा और 15-16 के दौरान 110 करोड़ व 16-17 के दौरान 150 करोड़ रुपये दिये.
क्या कहते हैं सीओ
इस बाबत अंचलाधिकारी मो इस्माइल ने बताया कि ठाकुरगंज अंचल में कनकपुर, गोथरा,जिरनगच्छ, दल्लेगांव, भोगडावर, हजारीगच्छ, नोनियाटारी, तातपौआ, साबोडांगी, सालगुड़ी, मालिनगांव, भेलागुड़ी, पौआखाली एवं सुखानी मौजा में 700 एकड़ जमीन इस प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की जायेगी. उन्होंने बताया कि गठित टीम को यह कहा गया है कि नापी के वक्त भूस्वामियों को अपने कागजात के साथ जमीन पर मौजूद रहें.
जिससे भूमि चिह्नित करने में आसानी हो. प्रखंड में कनकपुर एवं गोथरा, जिरनगच्छ मौजा में अंचल निरीक्षक सह राजस्व कर्मचारी, सोमेश कुमार राय व अंचल अमीन अवधेश कुमार, दल्लेगांव मौजा में हल्का कर्मचारी एवं अंचल अमीन वरुण कुमार केशव, हजारीगच्छ मौजा में हल्का कर्मचारी मो इस्लामुद्दीन व अंचल अमीन रवींद्र कुमार उरांव, सालगुड़ी मौजा में हल्का कर्मचारी बिंदेश्वरी मंडल व अंचल अमीन राजेश कुमार व सच्चिदानंद विश्वास ने रेलवे द्वारा चिह्नित भूमि का नक्शा मिलान कर भूमि की नापी शुरू कर दी है.
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