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स्कूलों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सवालों के घेरे में, जांच रिपोर्ट से हुआ खुलासा

किशनगंज : बिहार के सरकारी स्कूलों में संचालित मध्याह्न भोजन गुणवत्ता के मामले में फेल हो गया है. एमडीएम की जो जांच रिपोर्ट आयी है वह काफी चौंकाने वाली है. जांच में पाया गया कि बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चों को जो एमडीएम दिया जा रहा है उसमें प्रोटीन और कैलोरी की मात्रा काफी […]

किशनगंज : बिहार के सरकारी स्कूलों में संचालित मध्याह्न भोजन गुणवत्ता के मामले में फेल हो गया है. एमडीएम की जो जांच रिपोर्ट आयी है वह काफी चौंकाने वाली है. जांच में पाया गया कि बिहार के सरकारी स्कूल के बच्चों को जो एमडीएम दिया जा रहा है उसमें प्रोटीन और कैलोरी की मात्रा काफी कम है.

साथ ही आयरन, विटामिन ए के साथ- साथ अन्य पोषक तत्वों की भारी कमी है. जिससे कुपोषण का खतरा बढ़ सकता है.
हर जिले के 5-5 विद्यालयों से लिया गया था नमूना
दरअसल बिहार के सभी जिलों के पांच-पांच स्कूलों से पके-पकाये भोजन का नमूना लिया गया था. सभी नमूने की जांच के लिए नागपुर के एक लैब में भेजा गया. लैब ने जो जांच रिपोर्ट भेजी है वह काफी नेगेटिव है.
उसमें बताया गया है कि सरकारी स्कूल के बच्चों को जो भोजन दिया जा रहा है वह स्वास्थ्यवर्धक नहीं है. बल्कि कई मायनों में तो स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि मेनू अनुसार भोजन नहीं बनने, उसकी मात्रा कम होने और हरी पत्तेदार सब्जियां नहीं बनाने की वजह से बच्चों को सही डाइट और गुणवत्ता पूर्ण भोजन नहीं मिल पा रहा है . प्रोटीन एवं कैलोरी कम : जांच केदौरान यह पाया गया की मध्याहन भोजन के प्राय सभी विद्यालयों में मानक से काफी कम प्रोटीन और कैलोरी है. इसका मुख्य कारण निर्धारित मात्रा में मध्याह्न भोजन का नहीं बनाया जाना माना गया.
प्रशिक्षण में दिए गए निर्देश के अनुसार भोजन नहीं बनाया जाना भी प्रोटीन एवं कैलोरी कम रहने का कारण माना गया. जैसे सब्जी को धोने के उपरांत काटना, भोजन ढककर पकाना, भोजन में गुणवत्ता बढाने हेतु नमक का प्रयोग भोजन बनाने के अंतिम चरण में करना ताकि उसमें मौजूद आयरन और आयोडिन की मात्रा का क्षय नहीं हो.
मीनू के अनुसार नहीं बनता खाना
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ की विद्यालयों में मनमाने तरीके से मेनू का इस्तेमाल होता है. जबकि यदि निर्धारित मेनू और मात्रा के अनुसार मध्याह्न भोजन बनाने पर प्रोटीन और कैलोरी की मात्रा पूरी की जा सकती है. जब मीनू में पुलाव या जीरा राइस होता है तो उस दिन इन दोनों की जगह सादा चावल बना दिया जाता है जिसके कारण भोजन में कैलोरी की मात्रा कम हो जाती है.
एमडीएम निदेशक के पत्र से हुआ खुलासा, स्कूलों को दिए गए निर्देश
सैंपल टेस्टिंग में फेल होने के बाद बिहार मध्याह्न भोजन के निदेशक ने बिहार के सभी कार्यक्रम पदाधिकारी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है .साथ ही सभी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया गया है कि भोजन का निर्धारित मीनू एवं मात्रा के साथ भोजन बनाएं ताकि बच्चों को पूर्ण पोषण प्राप्त हो सके. ऐसा नहीं करने वाले प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई की जायेगी.

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