ठाकुरगंज : केंद्र सरकार द्वारा एवं सुप्रीम कोर्ट की बेंच एनजीटी के आदेश से नदियों के संरक्षण एवं जल संवर्धन हेतु अनेक योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसमें नदियों को प्रदूषण से मुक्त कराने एवं नदियों के किनारों पर ईंट भट्टों को संचालित किये जाने को सख्ती से रोकने की बात कही गयी है. लेकिन ठाकुरगंज प्रखंड में समस्त आदेशों को ठेंगा दिखाकर जमुना नदी के किनारे ही ईंट भट्टे संचालित किए जा रहे हैं और प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है.
इसे प्रशासन की लापरवाही कहें या अनदेखी जिसके चलते पिछले दिनों आई बाढ़ में कादोगांव इलाके में कहर बन कर टूटी जमुना नदी के किनारे चल रहे ईंट भट्टों के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. वहीं नदी के किनारों हो रहे ईंट निर्माण के कारण नदी के कटाव होने से नदी के प्राकृतिक स्वरूप मे अंतर आ रहा है. जबकि इस मामले मे सुप्रीम कोर्ट की बेंच नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने नदियों के किनारे अतिक्रमण एवं किसी भी प्रकार के उत्खनन पर प्रशासन को रोक लगाने के सखत निर्देश दिए हैं, लेकिन प्रशासन की अनदेखी से न्यायालय के आदेश की धज्जियां उड़ते हुए यह ईंट भट्टा संचालक जिला मुख्यालय पर प्रशासन की नाक के नीचे धड़ल्ले से उत्खनन कर प्रशासन को अपने ऊंचे रसूख का एहसास करा रहे हैं.