गोगरी. नगर परिषद क्षेत्र में अपराधियों ने अपराध का पैटर्न बदला है. अपराध के बदले पैटर्न को देख पुलिस भी अनुसंधान में आधुनिक तौर-तरीके अपना रहे हैं. गोगरी में चौक-चौराहों पर अबतक सीसीटीवी नहीं लगे हैं. हर वारदात के बाद पुलिस को इसकी कमी खलती है. इसी जरूरत को भांपते हुए 2017 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सिंह ने गोगरी शहर के विभिन्न 18 चिन्हित स्थानों पर सीसीटीवी लगवाने की योजना बनायी थी. योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए तेजी से काम भी हुआ था. इसके लिए शहर के रजिस्ट्री चौक से लेकर टावर चौक तक अस्पताल के बीच कैमरे लगाने के लिए कुल 18 स्थान भी चिह्नित कर लिए गये थे. इसी बीच उनका तबादला हो गया और योजना खटाई में पड़ गयी.
अपराधी कर रहे नये तरीके इजाद
हाल के दिनों में अपराध जगत में जिस तेजी के साथ नये-नये अपराधियों ने कदम रखते हुए अपराध के नये तरीकों का इजाद करते हुए वारदातों को तेजी से अंजाम देना शुरू किया है. उसके खुलासे में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है. कई दफा तो सुराग के अभाव में पुलिस आखिर तक हाथ ही मलती रह जाती है. ऐसे में प्राय: सीसी कैमरे की कमी का पुलिस को बार-बार अहसास होता है. कि काश यहां आस-पास कोई कैमरा लगा होता तो अपराधियों की सहज ही पहचान करना संभव हुआ होता.
खल रही कैमरों की कमी
तब यदि यह योजना पूरी हो गयी होती, तो आज गोगरी शहर का चप्पा-चप्पा कैमरे की जद में होता. और शहर के किसी भी भाग में होने वाले अपराध पर पुलिस को इतनी माथापच्ची नहीं करनी पड़ती. मौजूदा समय अपराध के त्वरित अनुसंधान की दिशा में सीसी कैमरों की नितांत आवश्यकता है. जिसके बगैर पुलिस का अनुसंधान लगातार प्रभावित होते देखा जा रहा है.———
यदि शहर में पर्याप्त कैमरे लगे होते तो पुलिस के लिए किसी भी वारदात का अनुसंधान निश्चित ही आसान हो जाता है. इसके लिए पहले किए गए प्रयास को फिर से अमल में लाने की जरूरत है. इससे पुलिस को काफी मदद मिलेगी. इस बिंदु पर जल्द पहल किया जायेगा. रमेश कुमार, डीएसपी, गोगरी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है