– दुकानदारों ने कहा, वे लोग अतिक्रमणकारी नहीं, बल्कि स्वरोजगारी हैं
– शहर के राजेन्द्र चौक पर तीन घंटे से अधिक समय तक करते रहे प्रदर्शन, लगाते रहे नारेखगड़िया. शहर के फुटकर विक्रेताओं ने वेडिंग जोन की मांग को लेकर मंगलवार को शहरी फुटपाथ दुकानदार संघ के बैनर तले धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन में शहर के सैकड़ों फुटकर विक्रेताओं ने भाग लिया.
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व फुटकर विक्रेता संघ के अध्यक्ष विनय कुमार गुप्ता ने किया. शहर के राजेन्द्र चौक, स्टेशन रोड, माल गोदाम रोड, बखरी बस स्टैंड होते हुए पुन: आरओबी होते हुए कचहरी रोड स्थित धरना स्थल पहुंचा. जहां सैकड़ों लोगों की भीड़ सभा में तब्दिल हो गयी. फुटकर विक्रेताओं ने कहा कि फुटकर दुकानदारों को पहले बसाया, फिर उजाड़ा जा रहा है. कहा कि फुटकर विक्रेता अतिक्रमणकारी नहीं है, बल्कि स्वरोजगारी हैं. वहीं संघ के विनय कुमार गुप्ता के नेतृत्व में विक्रेता पप्पू, हीरालाल, मो जाकिर, शमसेर, इरसाद के नेतृत्व में मांगों को लेकर डीएम नवीन कुमार को मांग पत्र सौंपने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली. दुकानदारों ने कहा कि शहर के फुटकर विक्रेताओं की आर्थिक स्थिति डगमगा गयी है. उन्होंने कहा कि विक्रेताओं को स्थायी व सुरक्षित जगह दिया जाए.बाजार समिति में दुकान लगाने से फुटकर दुकानदारों ने किया इंकार
फुटकर विक्रेताओं ने कहा कि फुटकर विक्रेता शहर की खूबसूरती हैं. फुटकर विक्रेता शहर की अर्थव्यवस्था का रीढ़ हैं. शहर से हटाना समाधान नहीं, बल्कि व्यवस्थित करना ही समाधान है. कहा कि सैकड़ों फुटकर विक्रेता शहर की सड़कों पर सब्जी, मछली, फल, नास्ता व अन्य सामग्री बेचते हैं. इसके लिए स्थायी वेंडिग जोन दिया जाए. बाजार में समिति सामग्री चोरी का डर बना रहता है. फुटकर विक्रेताओं ने कहा कि दस बजे के दुकान को हटा दिया जाता है. स्थायी जगह मिलने पर पूरे दिन कारोबार कर सकते हैं. बताया कि यदि बाजार समिति में दुकान लगा भी देते हैं तो खरीदार वहां तक खरीदने नहीं जाएंगे. शहर में रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, जिले के अन्य जगहों से लोग खरीदारी करने आते हैं, लेकिन, सिर्फ सब्जी खरीदने बाजार समिति क्यों जाएंगे.
20 दिनों से रोजगार पर संकट, फुटकर विक्रेताओं का डगमगाया आर्थिक स्थिति
फुटकर विक्रेता मो अफसल आलम, मो अख्तर, मो रहमत, मो रौशन, मो शमसुल सहित सैकड़ों लोगों ने बताया कि बीते 20 दिनों से नगर प्रशासन द्वारा राजेन्द्र चौक से बखरी बस स्टैंड तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा है. नगर प्रशासन द्वारा सरकारी जमीन पर दुकान लगाने नहीं दिया जाता है. प्रतिदिन पुलिस आती है डंडे की बल पर हटा दिया जाता है. पुलिस बल प्रयोग से सड़क पर लगे सब्जी, फल, नाश्ता, चाय व अन्य दुकानें ट्रैक्टर से उठा लिया जाता है, जिसके कारण सामग्री की भी क्षति होती है. बताया कि 20 दिनों से फुटकर विक्रेता व नगर प्रशासन के बीच लुकाछिपी का खेल जारी है. बताया कि दुकान नहीं लगने से खाने पीने में मुसीबत होने लगा है. घर का आर्थिक स्थिति डगमगा गया है.मुर्गा मंडी व नगर पालिका कार्यालय परिसर में दुकान लगाने की मांग
प्रदर्शन कर रहे फुटकर विक्रेताओं ने कहा कि फुटकर विक्रेताओं को स्थायी जगह दिया जाए. कहा कि राजेन्द्र चौक समीप मुर्गा मंडी या तो नगर पालिका कार्यालय परिसर में जमीन पर फुटकर विक्रेताओं को जगह सुरक्षित किया जाए. बताया कि इसके अलावे कहीं सुरक्षित जगह नहीं है. बताया कि पुलिस द्वारा पूर्वी केबिन ढाला के समीप दुकान लगाने को कहा गया. लेकिन, रेलवे द्वारा दुकान लगाने नहीं दिया जाता है. बताया कि पूर्वी केबिन ढ़ाला पर जगह चिन्हित किया गया है, लेकिन, बेचने के लिए सुरक्षित जगह नहीं है. रेल पुलिस द्वारा भी वहां से हटाने की आशंका है. बताया जाता है कि पूर्वी केबिन ढाला पर ऑटो स्टैंड बनाया गया, लेकिन आज तक ऑटो चालक नहीं गये हैं. बताया कि नगर प्रशासन फुटकर विक्रेताओं के साथ दोहरी नीति अपना रही है. ऑटो व ई-रिक्सा चालक राजेन्द्र चौक, बेंजामीन चौक, एमजी मार्ग में गाड़ी खड़ा करते हैं, लेकिन उसपर कार्रवाई नहीं कर, फुटकर विक्रेताओं की सामग्री जब्त की जा रही है.
ठेकेदार जगह के बदले मांग रहे रुपये
बताया कि शहर के पूर्वी केबिन ढाला के समीप आरओबी के बीच दुकान लगाने पर ठेकेदार द्वारा रुपये की मांग की जाती है. बताया कि सब्जी, फल की दुकान लगाने की एवज में सेक्रेटरी के रूप में एक लाख रुपये से डेढ़ लाख रुपये तक की डिमांड किया जाता है. जबकि प्रतिदिन प्रति फुटकर विक्रेताओं से दो सौ रुपये लेने की बात कही जा रही है. बताया कि ठेकेदार न मुंहमांगा रुपये की मांग की जाती है. जो फुटकर विक्रेताओं के लिए उचित नहीं है. बताया कि जगह भी कम देने की बात कह रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

