-जिप मद से जीर्णोद्धार किये गये आंगनबाड़ी केंद्र को आशियाना बनाने वाली सेविका पर होगी प्राथमिकी
– केंद्र संख्या 247 आंगनबाड़ी सेविका को दिया गया भवन खाली करने का आदेशखगड़िया. डीडीसी अभिषेक पलासिया ने बुधवार को परबत्ता प्रखंड के कई आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. डीडीसी ने जिला परिषद मद से जीर्णोद्धार कराए गए आंगनबाड़ी केंद्रों का भी जायजा लिया. वहां की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया. इस दौरान उन्होंने वहां पर तैनात सेविकाओं से बात कर महिलाओं एवं बच्चों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी लिया. बता दें कि खिराडीह पंचायत के केंद्र संख्या 134 अगुवानी की आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 128 एवं इंग्लिश लगार में अवस्थित केंद्र संख्या 144 का जीर्णोद्धार एवं रंग रोगन का कार्य जिला परिषद मद से किया गया था. निरीक्षक के दौरान स्थानीय जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश यादव एवं सीडीपीओ प्रतिमा आचार्य भी मौजूद रही.
सरकारी भवन पर कब्जा करने वाली सेविका को स्पष्ट चेतावनी
डीडीसी अभिषेक पलासिया ने सियादतपुर अगुवानी पंचायत के वार्ड नंबर 7 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 247 भी पहुंचे. उन्होंने संबंधित केंद्र की सेविका रूबी कुमारी को भवन को खाली करने का निर्देश दिया. पदाधिकारी ने सेविका को कहा कि अगर उन्होंने विभागीय पदाधिकारी की बातों को गंभीरता पूर्वक नहीं लिया तो निलंबन की प्रक्रियाओं के साथ-साथ दंडात्मक कार्रवाई का भी सामना करना पड़ सकता है.क्या है मामला
सियादतपुर अगुवानी पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 247 की सेविका एवं उनके परिजनों ने आंगनबाड़ी केंद्र भवन को आशियाना बना लिया. वर्तमान में केंद्र का संचालन एक किराए के मकान में कर रही है. यह मामला उस वक्त उजागर हुआ. जब जिला परिषद मद से इस आंगनबाड़ी केंद्र का जीर्णोद्धार करने कर्मी पहुंचे. लेकिन सेविका एवं उनके परिजनों ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि यह उनका निजी मकान है. हालांकि इसके बाद भी सेविका को बाल विकास परियोजना से जुड़े पदाधिकारी एवं कर्मियों ने कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन मामला बेनतीजा रहा. इसके बाद उक्त सेविका से आनन फानन में स्पष्टीकरण पूछा गया. लेकिन सेविका ने इसका जवाब देना मुनासिब नहीं समझी.सेविका पर होगी प्राथमिकी
विभाग की किरकिरी होने एवं मामला तूल पकड़ने के बाद सीडीपीओ ने पंचायत के एलएस को तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है. विभाग अब यह पता लगाने में जुटा है कि आखिर किस मद से और कैसे इस भवन का निर्माण हुआ. इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी को पत्र भेजकर जानकारी जुटाई जा रही है. ताकि उक्त सेविका पर विधिसम्मत कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जा सके. हालांकि उक्त सेविका पर विभागीय कार्रवाई किए जाने का भी निर्देश संबंधित पदाधिकारी को जारी किया जा चुका है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

