सख्ती. फर्जी प्रतिवेदन देकर फंसे जिले के चार अधिकारी, हो सकती है सभी के विरुद्ध कार्रवाई
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डीएम ने सीओ से मांगा दो दिनों में जवाब
सख्ती. फर्जी प्रतिवेदन देकर फंसे जिले के चार अधिकारी, हो सकती है सभी के विरुद्ध कार्रवाई बाढ़ में क्षतिग्रस्त मकानों की फर्जी रिपोर्ट भेज कर जिले के चार अंचलों के सीओ बुरी तरह फंस गये हैं. खगड़िया : जिला स्तर पर फर्जी रिपोर्ट भेज कर जिले के चार अंचलों के सीओ बुरी तरह फंस गये […]
बाढ़ में क्षतिग्रस्त मकानों की फर्जी रिपोर्ट भेज कर जिले के चार अंचलों के सीओ बुरी तरह फंस गये हैं.
खगड़िया : जिला स्तर पर फर्जी रिपोर्ट भेज कर जिले के चार अंचलों के सीओ बुरी तरह फंस गये हैं. गलत रिपोर्ट दिये जाने का माला सामने आने के बाद इस गंभीरता से लेते हुए दोषी सीओ से जवाब मांगा है. विभागीय सूत्र के मुताबिक दो दिनों के भीतर चारों सीओ को मांगे गये स्पष्टीकरण का जवाब देने को कहा गया है. सूत्र के मुताबिक डीएम ने परबत्ता , गोगरी , मानसी तथा खगड़िया अंचल के सीओ से पूछा है कि भ्रामक प्रतिवेदन उपलब्ध कराना कार्यालय कार्य में लापरवाही है. इसलिए भ्रामक प्रतिवेदन देने के आरोप में क्यों नहीं उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई शुरू की जाये. डीएम ने चारों सीओ को जवाब देने के लिए दो दिनों का समय दिया.
क्षतिग्रस्त मकानों का है मामला : विभागीय जानकारी के मुताबिक बाढ़ से क्षतिग्रस्त मकानों के रिपोर्ट से जुड़े मामले में चारों अंचलों के सीओ से जवाब मांगा गया है. क्योंकि इनके द्वारा पूर्व में जिला स्तर पर क्षतिग्रस्त माकनों की जो रिपोर्ट भेजी गयी थी वो अब गलत साबित हुई है.
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष गंगा व बूढ़ी गंडक के जल स्तर में हुई अप्रत्याशित वृद्धि खगड़िया , परबत्ता, गोगरी तथा मानसी के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गयी थी. जिसमें कई घर क्षतिग्रस्त हुए थे.
राज्य स्तर से क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजे दिये जाने की घोषणा के बाद इन चारों अंचलों में बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए कच्चे, झोपड़ी एवं पक्के मकान का सर्वेक्षण कराया गया. सीओ के द्वारा कराये गये सर्वेक्षण रिपोर्ट को राज्य स्तर पर भी भेजा गया. ताकि मुआवजे के लिए आवंटन प्राप्त
हो सके.
फर्जी निकली रिपोर्ट : पहले जो अंचल स्तर से जिला स्तर पर रिपोर्ट भेजी गयी थी तथा जिला स्तर से राज्य स्तर पर बाढ़ से प्रभावित क्षतिग्रस्त मकानों की जो रिपोर्ट भेजी गयी है. वह गलत व भ्रामक साबित हुई है. क्योंकि हाल के दिनों में चारों सीओ के द्वारा एक बार फिर क्षतिग्रस्त मकानों की सूची जिला स्तर पर भेजी गयी है. जिसमें काफी असमानता है. पहले जहां बाढ़ के दौरान पूर्ण या आंशिक रूप से क्षति ग्रस्त मकानों का आंकड़ा 10 हजार 968 बताया गया था.
वहीं चारों अंचल से जो अब रिपोर्ट आयी है उसमें आंशिक व पूर्ण रूपेण क्षतिग्रस्त मकानों की संख्या 2452 बतायी गयी है. क्षतिग्रस्त मकानों में इतने बड़े अंतर पाये जाने के बाद जिला स्तर पर इसे गंभिरता से लिया गया है. पहले तो चारो सीओ से जवाब मांगा गया है. सूत्र बताते है कि अगर जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो चारों सीओ के विरूद्ध भ्रामक रिपोर्ट भेजने के आरोप में कार्रवाई की जा सकती है.
गलत रिपोर्ट भेजी गयी राज्यस्तर पर
विभागीय सूत्र की माने तो पूर्व में चारों अंचलों से प्राप्त रिपोर्ट यानी क्षतिग्रस्त मकानों की सूची को ही राज्य स्तर पर भेजी गयी है तथा इसी सूची के आधार पर मुआवजा हेतु आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव से मुआवजे की मांग की जा चुकी है. लेकिन अब जो अंचल स्तर से रिपोर्ट भेजी है उसमे क्षतिग्रस्त मकानों की संख्या 30 प्रतिशत से भी कम बतायी गयी है. जानकार बताते है कि अगर अब दूसरी रिपोर्ट राज्य स्तर पर भेजी यी तो निश्चित ही वहां से इस मामले में वरीय अधिकारी से जवाब मांगा जा सकता है. जिसमें संबंधित पदाधिकारी की मुश्किले बढ़ सकती है.
क्या है रिपोर्ट
घर का प्रारूप पहले अब
झोपड़ी 6338 1785
कच्चा आंशिक 2404 177
कच्च पूर्ण 1484 330
पक्का आंशिक 90 742
…तो क्या कार्यालय में बैठ कर बनायी गयी थी रिपोर्ट
वैसे तो पूर्व में चारों अंचलों के द्वारा क्षतिग्रस्त मकानों की जो आकलन रिपोर्ट भेजी गयी थी, वो पूरी तरह से गलत साबित हुई है. लेकिन परबत्ता और खगड़िया अंचल द्वारा भेजे गये रिपोर्ट में सर्वाधिक असमानता पायी गयी है. ऐसे में लगता है कि कार्यालय में बैठ कर बनायी गयी थी रिपोर्ट. पूर्व में परबत्ता सीओ के क्षतिग्रस्त झोपड़ी का आंकड़ा 3658 बताया था. लेकिन अब इन्होंने मात्र 261 झोपड़ी को नुकसान पहुंचने की रिपोर्ट भेजी है. कच्चा मकान से रिपोर्ट में भी भारी अंतर पाया गया है.
पूर्व में जहां इन्होंने आंशिक रूप से 2193 तथा पूर्ण रूप से 1434 कच्चा मकान बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट जिला स्तर पर भेजी थी. वहीं अब इन्होंने यह आंकड़ा क्रमश़: 330 व 85 बताया है. यही हाल खगड़िया अंचल का है. पहले जहां से क्षतिग्रस्त झोपड़ी की संख्या 23सौ बतायी गयी थी. लेकिन अब 1292 की रिपोर्ट भेजी गयी है. वहीं पहले आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चे मकानों की संख्या 100 तथा पूर्ण रूप से प्रभावित मकान की संख्या 50 की रिपोर्ट भेजी गयी थी.
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