लापरवाही. बीएसएनएल के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
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लिंक फेल, काम ठप
लापरवाही. बीएसएनएल के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान दूरसंचार विभाग भगवान के ही भरोसे चल रहा है. खास तौर पर ब्रॉड बैंड उपभोक्ता परेशान हैं और विभाग अपनी नाकामी छिपाते परेशान हैं. उपभोक्ता शिकायत करते रहे, लेकिन इससे िवभागीय अधिकारी को फर्क नहीं पड़ता है. अधिकारी भी गोल मटोल बात कर फोन काट देते हैं. […]
दूरसंचार विभाग भगवान के ही भरोसे चल रहा है. खास तौर पर ब्रॉड बैंड उपभोक्ता परेशान हैं और विभाग अपनी नाकामी छिपाते परेशान हैं. उपभोक्ता शिकायत करते रहे, लेकिन इससे िवभागीय अधिकारी को फर्क नहीं पड़ता है. अधिकारी भी गोल मटोल बात कर फोन काट देते हैं.
खगड़िया : बीएसएनएल उपभोक्ता शिकायत करे भी तो किसे. प्रखंड क्षेत्र में तो महीने में दस दिन तो डायल टोन ही नहीं रहता हैं. जब डायल टोन रहता है तो आवाज ही सही नहीं आती है. जिन उपभोक्ताओं ने फोन के साथ इंटरनेट के लिए ब्राड बैंड की सेवा ली है वे तो और बेहाल रहते हैं.
ब्राॅड बैंड की स्पीड व उसकी लचर स्थिति देख कर दूर संचार विभाग पर आक्रोश के साथ तरस भी आता है. वैकल्पिक साधन भी उतने सफल नहीं हैं. बीते तीन जुलाई से बीएसएनएल के लिंक फेल होने के कारण उपभोक्ता परेशान हैं. साथ ही बैंकिंग सहित तमाम सरकारी कार्यालय में इंटरनेट सेवा आधारित कार्य बाधित रहा.
बैंक उपभोक्ता परेशान
बार-बार लिंक फेल होने की समस्या के कारण व्यवसायियों सहित पेंशनर व लेनदेन का कार्य करने के लिए पहुंचे लोगों को परेशानी उठानी पड़ी. एसबीआइ सहित अन्य बैंकों को भी इस समस्या से दो चार होना पड़ा. उपभोक्ता अमित कुमार ने कहा कि उन्हें आज कई बार बैंक से वापस पड़ा. इसके कारण दुकानदारी भी प्रभावित हुई. वहीं प्रभात कुमार ने बताया कि बैंक शाखा से निराश हो कर लौटने के बाद जब इंटरनेट बैंकिंग की सेवा लेनी चाही तो जब ट्रांसफर का आप्शन आता तो सिगनल ही गायब हो जाता था. ऐसे दर्जनों उपभोक्ता व्यवसायियों का हाल बुरा रहा. इंटरनेट से ही सारे काम किये जाते हैं, लेकिन विभाग कि लापरवाही के कारण व्यवसायी के साथ -साथ आमजनों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
नहीं है वैकल्पिक व्यवस्था
ब्राड बैंड की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने के कारण व्यवसायी बीएसएनएल की सेवा लेने को मजबूर हैं. हाजिपुर निवासी संजीव कुमार कहते हैं कि गत चार दिनों से बीएसएनएल की लाइन कब रहती है और कब जाती है इसका पता नहीं. हालांकि महीने में तीन-चार बार उपभोक्ताओं को इस स्थिति से रूबरू होना पड़ता है.
लोगों ने शिकायत करना भी छोड़ा
बीएसएनएल के उपभोक्ताओं के लिए ब्रॉड बैंड मजबूरी बन गयी है. इससे तीव्र गति की इंटननेट की स्पीड की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है1 इसलिए उपभोक्ता इस पर निर्भर हैं. उपभोक्ता कहते हैं कि कम से कम यह आशा रहती है कि दिन में कभी तो बीएसएनएल का ब्रॉड बैंड शुरू हो जायेगा तो काम कर लेंगे.
वहीं जो काम अन्य मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के डाटा कार्ड से संभव हो पाता है. वहां लोग बीएसएनएल की राह नहीं देखते. कई उपभोक्ताओं ने तो बीएसएनएल के खराब होने की शिकायत करना भी छोड़ दिया है. उनका कहना है कि शिकायत करने से अच्छा वे सीधे मैकेनिक से संपर्क करते हैं. अगर कहीं तार वगैरह की समस्या होती है तो उनसे सीधे ही ठीक करवा लेते हैं.
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