जिला दंडाधिकारी द्वारा अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत 23 वादों की सुनवाई
खगड़िया. न्यायालय जिला मजिस्ट्रेट अमित कुमार पांडेय की अदालत ने 23 मुकदमों की सुनवाई की. जिसमें से 8 आरोपितों को जिला बदर तथा 11 को थाना बदर करने का आदेश दिया गया. कोर्ट ने गुंडा एक्ट नियंत्रण अधिनियम के तहत जिला बदर व थाना बदर की कार्रवाई की है. इन बदमाशों के खिलाफ दर्ज मुकदमों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है. सोमवार को जिला दंडाधिकारी के न्यायालय में बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम 2024 के धारा-3 तहत कुल 23 वादों की सुनवाई की गयी. यह कार्रवाई कानून-व्यवस्था बनाए रखने और समाज में बढ़ते अपराधों के खिलाफ किया गया है. सुनवाई के बाद कुल 19 मामलों में आदेश पारित किया गया है. बताया जाता है कि बदमाश मो. आशिफ को भागलपुर, मुरारी यादव उर्फ मुरला उर्फ मुर्रा यादव को भागलपुर, प्रदुमन यादव को मुजफ्फरपुर, बिबोध यादव को मुजफ्फरपुर, सुभाष यादव को मुंगेर, नीतीश कुमार को मुंगेर, प्रियम यादव उर्फ पीएम यादव उर्फ प्रेम कुमार को समस्तीपुर तथा अनीश यादव को समस्तीपुर जिला बदर किया गया है. जबकि जिला दंडाधिकारी ने अपराधी प्रवृत्तियों में शामिल 11 लोगों को थाना बदर किया गया है. ताकि स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े. बताया जाता है कि गुलाब मंडल, शगुन यादव, सावन यादव, कृष्णा यादव, सार्जन यादव, गुलाब यादव, सौरभ कुमार उर्फ सौरभ यादव, रंजीत यादव, राजीव कुमार उर्फ फूदा यादव, रघुनंदन पासवान, लक्की कुमार उर्फ प्रदुमन कुमार को थाना बदर किया गया है. बताया जाता है कि शेष बचे चार मामले की सुनवाई आगामी 27 मार्च को होगी.समाज में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए उठाया गया कदम
समाज में शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला दंडाधिकारी द्वारा जिला बदर व थाना बदर की कार्रवाई की गयी. थाना बदर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ऐसे अपराधियों को उनके निवास स्थान से बाहर किया जाय. ताकि उनके द्वारा अपराध करने की संभावना कम हो.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है